अब वन विभाग द्वारा जनवरी माह में एक बार फिर से कॉलरिंग करने का प्रयास करने की बात की जा रही है। वन अमले द्वारा बांकी दल के एक मादा हाथी पर भी कॉलरिंग करने का प्रयास किया गया, लेकिन उसमें भी सफलता हासिल नहीं हो सकी।
वन विभाग द्वारा अविभाजित सरगुजा के ग्राम मोहनपुर में सक्रिय बांकी हाथी दल के मादा हाथी व उदयपुर के ग्राम रामगढ़ में सक्रिय गुरु घासीदास हाथी दल के एक हाथी पर सेटेलाइट कॉलरिंग करने का प्रयास किया जा रहा था।
चार दिनों पूर्व शुरू किया गया प्रयास हाथियों के घने जंगल के बीच रहने की वजह से बिना किसी नतीजे में पहुंचे समाप्त हुआ और इस अभियान को बंद करना पड़ा। दिन के छोटा होने की वजह से भी कॉलरिंग नहीं कर सके।
मादा हाथी की कॉलरिंग से ज्यादा फायदा
विशेषज्ञों के अनुसार समूह में नर हाथी की कॉलरिंग करने से जितना फायदा नहीं होता है उतना मादा हाथी की कॉलरिंग करने से लाभ मिलता है। इसकी वजह से वन विभाग द्वारा मादा हाथी पर कॉलरिंग करने का ज्यादा प्रयास किया जाता है।
मादा हाथी समूह में चलती है इसकी वजह से पूरे समूह के मूवमेंट का पता चलता है। वहीं नर हाथी समूह से अलग चलता है। इसकी वजह से उसके अकेले चलने की जानकारी ही मिल पाती है।
रात में नहीं हो पाएगी कॉलरिंग
वन विभाग के अनुसार दिन में कॉलरिंग की जा सकती है। रात में कॉलरिंग कर पाना संभव नहीं होता है। शाम को ही हाथी अपना मूवमेंट बनाता है। इसकी वजह से कॉलरिंग नहीं हो पाई।
जनवरी में फिर करेंगे प्रयास
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार अब सेटेलाइट कॉलरिंग करने के लिए ठंड के कम होने का इंतजार किया जा रहा है। जनवरी माह में फिर से कॉलरिंग करने का प्रयास किया जाएगा।