यही भाजपा (BJP) का असली चाल चरित्र और चेहरा है। जो किसानों के चरित्र का प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं, उन्हें समय आने पर जनता सबक सिखाएगी। उक्त बातें औषधि एवं पादप विकास बोर्ड के अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने नई दिल्ली के किसानों के समर्थन में कांग्रेस के एक दिवसीय उपवास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं।
शहर के घड़ी चौक पर स्टेडियम के सामने स्थानीय किसानों के साथ कांग्रेसजन ने एक दिवसीय सांकेतिक उपवास (Fasting) किया। इस दौरान श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शफी अहमद ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हम किसानों के साथ किये गये वादों को अक्षरश: पूरा कर रहे हैं।
देश में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी राज्य में धान का मूल्य 2500 रुपये प्रति क्विंटल किसानों को मिला है। एक ओर देश की सरकार है जो ठंड में बैठे किसानों (Farmers) की बात नहीं मानने का हठ पाले बैठी है, हम किसानों और उनकी मांग को अपना समर्थन देते हैं।
बीस सूत्रीय कार्यक्रम के उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने कहा कि पूंजीपतियों के हाथ की कठपुतली है यह सरकार, ये वही काम करते हैं जो उनके अरबपति दोस्तों को पसंद आती है। एक पखवाड़े से अधिक समय से विरोध कर रहे किसानों की मांग पर ध्यान न देना और अपनी बात को हठ पूर्वक मनवाने के लिये किसानों पर आरोप प्रत्यारोप करना सरकार की नाकामी है।
किसानों के मामले में छत्तीसगढ़ मॉडल
जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने कहा कि हम सब आज किसानों के साथ सड़क पर हैं। प्रदेश में हमारी सरकार है, किसानों के लिए कांग्रेस प्रदेश में जो कर रही है, वह अन्य प्रदेशों एवं केंद्र सरकार के लिए मॉडल है।
किसानों की समस्या का निदान सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए, किन्तु केंद्र में बैठी सरकार हठी है जो किसानों की बात मानना नहीं चाहती, इसलिए किसान कई दिनों से कड़कड़ाते ठंड में प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रदर्शन में ये रहे शामिल
प्रदर्शन में महापौर डॉ. अजय तिर्की, प्रदेश कांग्रेस महासचिव द्वितेन्द्र मिश्रा, ब्लॉक अध्यक्ष हेमंत सिन्हा, मो. इस्लाम, मदन जायसवाल, इंद्रजीत सिंह धंजल, अशफाक अली, अतुल तिवारी, बिजेंद्र गुप्ता, रणविजय प्रताप सिंह, कृपाशंकर गुप्ता, राजनाथ सिंह, संजय सिंह, चुनमुन तिवारी, बलराम यादव, नागेश्वर यादव,
प्रभात रंजन, विकास शर्मा, प्रमोद चौधरी, सैयद अख्तर, मनीष गुप्ता, राजू दीक्षित, हरभजन भामरा, मधु दीक्षित, संध्या रवानी, चित्रा मिश्रा, रूही गजाला, सरिता पांडेय, सुमन सिंह, सकीला परवीन, अनिमा केरकेट्टा, शमा परवीन, ननकी सिंह, मुनेश्वर राजवाड़े, विशुनदेव महन्त सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।