General Assembly: पीएम आवास (PM Awas) के लिए आए 15 हजार से अधिक आवेदनों में से 80 प्रतिशत को निरस्त (Canceled) करने पर मचा हंगामा
BJP councilors protest in General Assembly
अंबिकापुर. नगर निगम की सामान्य सभा (General Assembly) की आयोजित बैठक राजमोहिनी देवी भवन में काफी हंगामेदार रही। प्रधानमंत्री आवास के लिये हितग्राहियों के आवेदन और स्वीकृत आवास को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। विपक्षी नेता सूची निरस्त करने की मांग को लेकर सभाकक्ष में ही धरने पर बैठ गए और विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया। (Nagar Nigam Ambikapur)
वहीं कांग्रेस पार्षदों ने विपक्ष की आवाज को दबाने मुर्दाबाद के नारे लगाए। भाजपा पार्षद आलोक दुबे ने आरोप लगाया कि निगम द्वारा पर्दे के पीछे व बंद कमरे में 3 हजार 422 हितग्राहियों की सूची तैयार कर दी गई है। इसकी जानकारी अन्य पार्षदों के समक्ष उजागर नहीं की गई है।
वहीं सत्ता पक्ष ने इसे संशोधित करने की बात कही। इसके बाद विपक्ष ने धरना समाप्त किया। पार्षद आलोक दुबे ने सरगुजा सदन को फिर से उसी ठेकेदार को देने का मामला भी उठाया। इसके अलावा विभिन्न मुद्दों को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच तकरार होती रही।
विपक्ष के पार्षदों ने सत्ता पक्ष पर अवैध निर्माण को लेकर भी हमला बोला। वहीं सत्ता पक्ष के एमआईसी सदस्य शफी अहमद ने इस वर्ष 16 अवैध मकान हटाए जाने की बात कही। नगर निगम की सामान्य सभा की बैठक मंगलवार को राज मोहनी देवी भवन में सभापति अजय अग्रवाल की उपस्थिति में आयोजित की गई। बैठक का आयोजन सबसे पहले नए निगम आयुक्त के स्वागत के साथ किया गया। इसके बाद पहला सवाल नेता प्रतिपक्ष प्रबोध मिंज ने पूछा।
उन्होंने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया कि निगम क्षेत्र अंतर्गत अवैध निर्माण के सैकड़ों नोटिस दिए जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। विपक्ष का काम ध्यानाकर्षण कराना है। इस सवाल के जवाब में एमआईसी प्रमुख शफी अहमद ने कहा कि इस वर्ष नगर निगम (Nagar Nigam) द्वारा 16 अवैध निर्माण के प्रति कार्रवाई की गई है।
इसके बाद विपक्ष पार्षदों ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 15 हजार से ज्यादा आवेदन आए हैं पर 3 हजार 422 लोगों का स्वीकृति पोर्टल पर किस नियम के तहत चढ़ाए गए हैं। विपक्षी दल पार्षदों ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि बंद कमरे व पर्दे के पीछे यह काम किया जा रहा है।
इस आरोप के बाद पक्ष और विपक्ष के बीच नोकझोंक शुरू हो गई। सत्ता पक्ष की ओर से एमआईसी प्रमुख शफी अहमद ने कहा कि इसमें कोई भेदभाव या पर्दे के पीछे काम नहीं किया गया है। इसके लिए राज्य शासन द्वारा सर्वे टीम का गठन किया गया था। सर्वे टीम द्वारा ही चिन्हांकित कर 3 हजार 422 आवेदन पोर्टल पर चढ़ाए गए हैं। इसके बाद पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामा शुरू हो गया।
विपक्ष के पार्षद स्वीकृति निरस्त करने की बात को लेकर सभा कक्ष में ही सभापति के सामने धरने पर बैठ गए और गरीबों को न्याय दिलाने की बात को लेकर सभापति से स्वीकृति निरस्त करने की गुहार लगाई। काफी हंगामे के बाद महापौर डॉ. अजय तिर्की ने इस मामले में कुछ संशोधन करने की बात कही। इसके बाद विपक्ष के लोगों ने धरना समाप्त किया।
3 हजार 422 आवेदक पाए गए हैं पात्र एमआईसी प्रमुख शफी अहमद ने कहा कि ‘मोर जमीन मोर मकानÓ के तहत मकान का निर्माण कराया जाना है। इसमें 15 हजार 526 आवेदकों में से 3 हजार 422 आवेदक पात्र पाए गए हैं। राज्य स्तर पर प्राइवेट सर्वे टीम द्वारा जांच के बाद 3 हजार 422 पात्र आवेदकों का नाम पोर्टल पर चढ़ाया गया है। इसमें किसी तरह की गड़बड़ी नहीं की गई है।
सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर की नारेबाजी प्रधानमंत्री आवास योजना में स्वीकृति में गड़बड़ी के नाम पर विपक्षी पार्षद सत्ता पक्ष पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए। इसके बाद विपक्षी पार्षद आलोक दुबे, प्रबोध मिंज, मधुसूदन शुक्ला सहित अन्य ने गरीबों के प्रति न्याय की मांग को लेकर नारेबाजी शुरु कर दी। यह देख सत्ता पक्ष ने इनकी आवाज दबाने के विपक्ष मुर्दाबाद के भी नारे लगाए।
कोरोना वारियर्स का होगा सम्मान, प्रशासन को भी भेजेंगें प्रस्ताव बैठक में पक्ष व विपक्ष दोनों ओर से यह मांग उठी की कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना वार्ड में काम करने वाले निगम के कर्मचारियों तथा ऐसे सामाजिक संगठन तथा अन्य लोग जिन्होंने इस विपत्ति के समय आम लोगों का सहयोग किया हो तथा उन्हें मदद पहुंचाई हो,
ऐसे लोगों व संगठनों का सम्मान 15 अगस्त पर करने के लिए एक प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा जाए। इस पर सभापति ने ऐसा एक प्रस्ताव प्रशासन को भेजने तथा निगम द्वारा भी एक आयोजन कर उन्हें सम्मानित करने के लिए सूची बनाने के निर्देश दिए हैं।
63 लाख 9 हजार के घाटे का बजट हंगामे के बाद बजट प्रस्तुत किया गया। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए प्रस्तावित आय व व्यय के आधार पर 63 लाख 9 हजार के घाटे का बजट प्रस्तुत किया गया, जिसे चर्चा के बाद स्वीकृति दे दी गई।