मेडिकल कॉलेज अस्पताल की विभिन्न शाखाएं कई जगहों पर संचालित हो रही है। 100 बिस्तरीय शिशु व माताओं के लिए एमसीएच अस्पताल बनाया गया है। यहां बच्चों व गर्भवती माताओं का इलाज होता है। बच्चों व माताओं को इलाज कराने पहुंचे परिजन को सबसे पहले अस्पताल के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पर्ची कटानी पड़ती है।
सड़क पार कर जाना पड़ता है एमसीएच
पुराने अस्पताल व एमसीएच के बीच चौराहा बन चुका है। एक तरफ अग्रसेन चौक से बिलासपुर चौक को जोड़ता है वहीं पुराने अस्पताल से एमसीएच को जोड़ता है। इससे अस्पताल के सामने काफी भीड़ रहती है। मरीजों व उनके परिजन को गुजरने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं कई बार दुर्घटना की स्थिति भी निर्मित हो जाती है।
एमसीएच में नहीं है रजिस्ट्रेशन काउंटर
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 100 बिस्तरीय शिशु व माताओंंं के लिए एमसीएच अस्पताल बनाया गया है। यहां बच्चों व माताओं का इलाज होता है। एमसीएच में रजिस्ट्रेशन काउंटर की व्यवस्था नहीं की गई है। इससे मरीज व उनके परिजन को एमसीएच व पुराने अस्पताल की दौड़ तीन से चार बार लगाना पड़ता है।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल जाने के लिए तीन गेट बना हुआ है। पहले गेट से अस्पताल के अधिकारी व कर्मचारी अपनी ड्यूटी के लिए पहुंचते हैं। दूसरे गेट से मरीज व अन्य लोगों को जाने के लिए व्यवस्था की गई है व तीसरे गेट से गंभीर मरीजों को एंबुलेंस द्वारा आपातकालीन कक्ष में ले जाया जाता है।