पति के आने के बाद घर के अन्य सदस्य उसे लेकर अस्पताल पहुंचे। यहां से रेफर किए जाने के बाद उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में भर्ती कराया गया। यहां इलाज के दौरान 7 दिन बाद उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मामले को विवेचना में लिया है।
मैनपाट के ग्राम सपनादर निवासी ३५ वर्षीय मुनियारो बाई का पति जब्बर बरवा 4 जुलाई की सुबह काम करने गया हुआ था। उसका देवर ३० वर्षीय सोहन पिता हीरासाय भी सुबह गांव में घूमने गया था। देवर सुबह लगभग 11 बजे घर पहुंचा और उसने भाभी मुनियारो से खाना मांगा। मुनियारो ने उसे खाना दिया। इसके बाद सोहन घर के बाहर परछी में बैठकर खाना खाने लगा।
खाना खाने के बाद जब वह घर के भीतर गया तो भाभी को देखकर वह सन्न रह गया। वह आग की लपटों से घिरी थी और उसका शरीर जल रहा था। इसकी सूचना उसने तत्काल अपने बड़े भाई को दी। सूचना मिलते ही भाई घर पहुंचा और आनन-फानन में पत्नी को कमलेश्वरपुर अस्पताल में भर्ती कराया।
यहां डॉक्टरों ने उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर के लिए रेफर कर दिया। इसके बाद महिला को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां 7 दिन तक उसका इलाज चलता रहा। इसी बीच गुरुवार को उसकी तबीयत बिगड़ी और उसने दम तोड़ दिया।
संदेहास्पद लग रहा है मामला
सूचना पर पुलिस अस्पताल पहुंची तथा पंचनामा व पीएम पश्चात शव उसके परिजन को सौंप दिया। पुलिस की पूछताछ में देवर ने बताया कि भाभी जब आग से जल रही थीं तो वह न तो चिल्लाईं और न ही आवाज लगाई। इससे मामला संदेहास्पद लग रहा है। पुलिस मामले की विवेचना में जुट गई है।