उन्होंने कहा कि अपने दायित्वों को पूरी ईमानदारी से निभायें और ईमान की रोटी खाने की आदत डाल लें, ऐसा नहीं करने पर आने वाले समय में उन्हें मुसीबत तो होगी ही, साथ ही जेल जाने के लिए भी तैयार रहना होगा।
कलक्टर ने कहा कि जिला सहकारी बैंक एकमात्र बैंक है, जहां किसानों द्वारा बेचे गये धान की राशि जमा होती है और किसान अपने जरूरत के अनुसार राशि का आहरण करते हंै। इस प्रकार यह बैंक सीधे किसानों से जुड़ा हुआ है। कलक्टर ने बैंक शाखाओं में पारदर्शिता लाने के लिए सीसीटीवी कैमरे हर हाल में लगाने और चालू रखने के निर्देश दिये।
इसके साथ ही बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं नोडल अधिकारी को प्रत्येक शाखा के व्हाउचर वैरीफिकेशन रिपोर्ट की रेण्डमली जांच के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी शाखाओं में पर्याप्त मात्राओं में राशि उपलब्ध करायें ताकि किसानों को नकद आहरण में परेशानी न हो, इसके साथ ही पर्याप्त मात्रा में छोटे एवं बड़े नोट भी रखें।
कलक्टर ने कहा कि किसानों को एटीएम कार्ड अनिवार्य रूप से जारी करें ताकि जरूरत के अनुसार वे राशि का आहरण कर सकें। बैठक में सहायक कलक्टर अभिषेक शर्मा, जिला सहकारी बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला नोडल अधिकारी सहित सरगुजा, कोरिया, सूरजपुर एवं बलरामपुर रामानुजगंज जिले के शाखा प्रबंधक उपस्थित थे।
पिछले कुछ वर्षों में धूमिल हुई है सहकारी बैंक की छवि
कलक्टर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जिला सहकारी बैंक की छवि धूमिल हुई है और लोगों में गलत धारणा बन गई है। इस गलत धारणा को दूर करने के लिए आप लोगों के लिए चुनौती है। इस धारणा को ध्वस्त करते हुए फिर से बैंक की छवि उज्ज्वल करनी है। (IAS attitude)
उन्होंने कहा कि किसी भी शाखा में किसानों को पैसा निकालने के लिए किसी प्रकार की परेशानी न हो तथा लाइन लगाने की नौबत नहीं आनी चाहिए। कलेक्टर ने कहा कि आप लोग ईमानदारी से कार्य करते हुए किसानों की परेशानी को समझ कर सकारात्मक रवैया रखेगें तो प्रशासन सदैव आपके साथ खड़ा रहेगा।
एक बार में 49 हजार की होगी निकासी
कलक्टर मित्तर ने जिला सहकारी बैंक हेतु जारी पूर्व के आदेशों को यथावत रखते हुए किसानों के लिए नकद निकासी की सीमा एक बार में अधिकतम 49 हजार तथा सप्ताह में दो बार आहरण कर सकेंगे। इसके साथ ही चेक के माध्यम से एक बार में अधिकमत एक लाख रुपए तथा महीने में चार बार आहरण कर सकेगें। इन दोनों माध्यमों के अलावा इलेक्ट्रानिक फंड ट्रॉसफर जैसे आरटीजीएस, एनईएफटी आदि भी कर सकेगें।
ऋण राशि के समायोजन में किसानों की सहमति जरूरी
बैठक में बताया गया कि इस बार समर्थन मूल्य में किसानों द्वारा बेचे गये धान की राशि उनके खाते में जिला सहकारी बैंक में शाखा प्रबंधक के माध्यम से न होकर मुख्यकार्यपालन अधिकारी स्तर पर सीधे किसानों के खाते में जमा होगी।
किसानों द्वारा खाद एवं बीज हेतु लिए गये ऋण की राशि का समायोजन भी बैंक अपने स्तर पर नहीं कर सकेगा, बल्कि किसानों से सहमति लेना भी जरूरी होगा।
अंबिकापुर की खबरें पढऩे के लिए क्लिक करें- ambikapur News