न्यू ईयर में हमेशा की तरह इस वर्ष भी मैनपाट लोगों की पहली पसंद बना हुआ है। अभी से मैनपाट के पिकनिक स्पॉट पर लोगों की भीड़ नजर आने लगी है। टाइगर प्वाइंट, फिश प्वाइंट, मेहता प्वाइंट, जलजली सहित अन्य जगहों पर लोगों की भीड़ जुट रही है। लेकिन अभी भी मैनपाट के कुछ ऐसे खूबसूरत स्पॉट हैं, जहां लोग नहीं पहुंचे हैं।
आधा किमी चलना पड़ता है पैदल
ग्राम छपरा से एलिफैंट प्वाइंट तक पहुंचने के लिए लोगों को आधा किमी पैदल चलना पड़ता है। जो काफी कठिन है। यहां पहुंचने के बाद लोगों की थकान लगभग 200 फीट ऊंचाई से गिर रहे खूबसूरत झरने को देखने के बाद खत्म हो जाती है।
जमदरहा नामक पहाड़ी नदी पर एलिफैंट प्वाइंट नामक झरना स्थित है। ग्रामीणों के अनुसार यहां 12 महीने पानी रहता है और इसकी छटा पूरे वर्ष इसी तरह रहती है।
हाथी प्रभावित है क्षेत्र
ग्राम सरभंजा के छपरा में स्थित एलिफैंट प्वाइंट में लोगों का पहुंचना शुरू हो गया है। लेकिन यह हाथी व भालू प्रभावित क्षेत्र है। इसकी वजह से यहां जाना काफी खतरनाक भी है। यहां पिकनिक मनाने के जाने के पूर्व लोगों को यह ध्यान रखना होगा कि घनघोर जंगल होने की वजह से यहां अंधेरा भी जल्दी हो जाता है। इसके साथ जैसे-जैसे अंधेरा होता है भालुओं की आवाज सुनाई देनी शुरू हो जाती है। इसलिए यहां जाने से पूर्व पूरी सावधानी बरतने की जरूरत है।
मैनपाट के आराध्य हैं बूढ़ा नागदेव
परपटिया मार्ग पर स्थित डांड़केसरा ग्राम में बूढा नागदेव हैं। यहां वर्ष में एक बार मेले का आयोजन किया जाता है। ग्रामीणों के अनुसार बूढा नाग मैनपाट के प्रथम आराध्य देव हैं। इससे महज आधा किमी दूर मछली नदी पर स्थित स्नेक पाइंट के नाम से काफी खूबसूरत झरना है, जो लोगों को आकर्षित करता है। लेकिन अभी तक यहां भी लोगों की भीड़ नहीं पहुंच पाई है। यह झरना भी काफी खूबसूरत है।