हम आपको बताते चलें कि अमेरा खदान के आस-पास कई अवैध खदान भी हैं, जहां जान जोखिम में डालकर ग्रामीण कोयला निकालते हैं। कई बार वे हादसे का शिकार भी हो चुके हैं।
गौरतलब है अमेरा खुली खदान में ४ वर्षों से उत्खनन भूमि अधिग्रहण के मामले को लेकर बंद है। खदान में सुरक्षा के कोई उपाय नहीं है, इससे एक सुरक्षाकर्मी की बदौलत पूरे खदान की सुरक्षा है।
स्थानीय गांव के लोग खदान में घुसकर कोयला चोरी करते हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को ग्राम रजपुरीकला निवासी 50 वर्षीय रंजीत कोयला निकालने अमेरा खदान गया था। कोयला निकालने के दौरान सुरंगनुमा स्थान पर मिट्टी धसकने से रंजीत मलबे के नीचे फंस गया। वह पूरी रात वहीं फंसा रहा।
बुधवार को खदान क्षेत्र में लगे प्लांटेशन की सुरक्षा कर रहे फायर वाचर सतार सिंह की नजर उस पर पड़ी। तब फायर वाचर ने उसे किसी तरह बाहर निकालकर एसईसीएल के सुरक्षा कर्मी व अन्य लोगों को जानकारी दी। उसे सिर में गंभीर चोटें आईं थी।
गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती
कोयला खदान के मलबे में दबकर गंभीर रूप से घायल ग्रामीण के परिजन स्थानीय अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे अंबिकापुर रेफर कर दिया गया। अंबिकापुर अस्पताल में उसका इलाज जारी है।