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जमकर खेलें होली लेकिन इन बातों को न करें अनदेखा, पड़ सकते हैं मुसीबत में

locationअंबिकापुरPublished: Mar 01, 2018 09:40:08 pm

होली के दिन सभी रंगों की मस्ती में डूबे हुए हैं। ऐसे में कुछ बातों को ध्यान में रखकर हम अपनी होली अच्छे से मना सकते हैं

Holi

Holi

अंबिकापुर. शहरवासी होली के रंग-बिरंगे त्योहार को शान से सेलिब्रेट करने के लिए लोग सबकुछ भुलकर शुक्रवार को एकता के रंग में रंग गए। शहर की सड़कों से लेकर कॉलोनियों तक हर तरफ रंगों की बरसात शुरु हो गई। सुबह से दोपहर तक होली की मस्ती में डूबे रहना दोस्तों और रिश्तेदारों को भींगाने की कोशिश करना, साथ ही रंगों में रंगने पर परहेज करना खुद भींगना और दूसरों को भिगोए बिना होली का यह त्योहार अधूरा लगता है।
एक-दूसरे के घर पर जाकर स्वादिष्ट पकवानों का स्वाद लेना हर किसी के लिए इस त्योहार का सबसें सुहाना हिस्सा होता है लेकिन इस त्योहार में रंग में रंगने के साथ-साथ खुद का ध्यान रखना ही बेहद जरूरी है। पानी में भीगने पर फ्लू होने का खतरा हो सकता है। इससे बचने की कोशिश करें। इसके अलावा अच्छी क्वालिटी के अबीर-गुलाल ही खरीदें। इससे आप और आपके अपने सुरक्षित रहेंगे।
Holika
रंगों के त्योहार होली की तैयारियों को लेकर गुरुवार को शहर के लोग व्यस्त नजर आए। दिनभर शहर में गहमा-गहमी की स्थिति बनी रही। गुरुवार को होलिका दहन के साथ लोग नगाड़े की धुन पर फाग-गीत गाते हुए सभी ने भगवान से अपने जीवन में खुशियों के लिए आशीर्वाद मांगा। उत्साह, उमंग व हर्ष के साथ होली का त्यौहार शहर में शुक्रवार को मनाया जा रहा है।
होलिका दहन के साथ ही सभी लोग रंगों के त्यौहार की मस्ती में डूब गए। फाग गीत के साथ लोगों की टोली जगह-जगह देर रात से ही झूमते नजर आए। देर शाम विशेष मुहर्त में ७.३० बजे होलिका दहन शहर में विभिन्न समितियों द्वारा किया गया।

बड़कोले से सजी होलिका
आमतौर पर होली में लकडिय़ों का उपयोग करते हैं, लेकिन अग्रवाल समाज की होली गोबर से बने कंडे (बड़कोले) से सजी होती है। गोबर के गोल-गोल छोटे-छोटे कंडे को रस्सी में पिरोकर माला बनाई गई थी। उसे होली को समर्पित की गई। फिर समाज की महिलाओं ने होली की पूजा मौली धागा या कच्चे धागे से की। इस दौरान महिलाओं ने लाल रंग की गोटेदार चुनरी और साड़ी पहन रखी थी। पूजा के बाद उन्होंने परिवार के कल्याण की कामना की।

इन बातों का रखें ध्यान
1. पानी में भीगने पर फ्लू होने का खतरा हो सकता है। कोशिश करें इससे बचने की।
2. अच्छी क्वालिटी के अबीर-गुलाल ही खरीदें। इससे आप और आपके अपने सुरक्षित रहेंगे।
3. अगर आपको कोई गुलाल लगाए तो गहरी सांस न लें। यह नाक के जरिए फेफड़ों में जा सकता है।
4. आंखों में रंग चला जाए तो पानी के छपाके मारें, रगड़ें नहीं।
5. आंखों में रंग जाने पर गुलाब जल डालना सबसे बेहतर होगा।

तीन बार होगी पानी की सप्लाई
नगर निगम में पेयजल प्रभारी व एमआईसी सदस्य हेमंत सिन्हा ने बताया कि होली के दिन तीन समय पानी निगम द्वारा दिया जाएगा। जल विभाग द्वारा नियमित तौर पर जो पानी दिया जाता था, उसके अतिरिक्त दोपहर १ बजे से २ बजे तक पानी सप्लाई की जाएगी। रंगों के त्यौहार से एक दिन पूर्व होलिका दहन की सुबह से ही अलग-अलग समितियोंं व खेल संघो द्वारा होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया।
देर शाम जिला कांग्रेस कार्यालय कोठीघर में होली मिलन समारोह का आयोजन किया गयाा। इसमें नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव सहित अन्य कांग्रेसी नेता शामिल हुए। इसके साथ ३ मार्च को अग्रवाल सभा द्वारा अग्रसेन भवन में व कायस्थ सभा द्वारा ६ मार्च को चित्रगुप्त मंदिर में रंगपंचमी का आयोजन किया गया।

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