कोर्ट में पेशी के बाद जेल पहुंचे और वहां से पुलिस को चकमा देकर ६ आरोपी फरार हो गए थे। बाद में पुलिस ने एक को एन्काउंटर में मार गिराया था। इस आरोपी का पकड़ा जाना पुलिस की बड़ी सफलता मानी जा रही है।
(Jail break)
गांधीनगर पुलिस ने झारखंड के सिंहभूम जिले के ईचगढ़ थाना अंर्तगत ग्राम नवाडीह निवासी 36 वर्षीय बबलू बागती पिता शशि बागती को गुरुवार को गिरफ्तार किया है। वह वर्ष 2009 में डकैती व चोरी का आरोपी है, वह अंबिकापुर के बौरीपारा रह रहा था।
गांधीनगर टीआई राहुल तिवारी के अनुसार डकैती व चोरी के आरोपी में गिरफ्तार बबलू बागती को झारखंड पुलिस 19 अगस्त 2011 को कोर्ट से सरायकेला जेल लेकर 6 आरोपियों के साथ पहुंची थी। सरायकेला जेल पहुंचने के बाद सभी ६ आरोपियों के साथ मिलकर बबलू बागती ने पुुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था।
झारखंड पुलिस मामले में जुर्म दर्ज कर सभी आरोपियों की तलाश कर रही थी। पिछले कुछ वर्षों से बबलू बागती मुम्बई में रह रहा था। वहां उसने एक युवती के साथ शादी भी कर ली थी।
एक वर्ष पूर्व मुम्बई से वह अंबिकापुर आकर बौरीपारा निवासी रंजीत दुबे के यहां किराए के मकान में रह रहा था। अंबिकापुर में बबलू बागती दीपक तिवारी पिता मिथलेश तिवारी के नाम से फर्जी तरीके से रह रहा था।
मुखबिर की सूचना पर किया गिरफ्तार
मुखबिर से गांधीनगर टीआई राहुल तिवारी को सूचना मिली कि दीपक तिवारी जो झारखंड के जेल ब्रेक का आरोपी है, वह २ वर्ष मायापुर में रहने के बाद पिछले एक वर्ष से बौरीपारा में निवास कर रहा है।
पुलिस को सूचना मिलने के बाद तत्काल गांधीनगर पुलिस की टीम बौरीपारा रंजीत दुबे के मकान पहुंची, जहां से डकैती व जेलब्रेक के आरोपी बबलू बागती को गिरफ्तार कर थाने ले आए। आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद टीआई गांधीनगर ने इसकी सूचना एसपी व एएसपी को दी।
जेलब्रेक के बाद एक आरोपी का हुआ था एन्काउंटर
झारखंड पुलिस ने जेलब्रेक के बाद भाग रहे 6 आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए उन्हें दौड़ाया भी था। इस दौरान आरोपियों ने पुलिस पर हमला कर दिया था। वर्ष 2011 को झारखंड पुलिस ने एक आरोपी विपिन कुमार को मुठभेड़ में मार गिराया था, जबकि एक आरोपी डेविड को गिरफ्तार कर लिया था। गांधीनगर पुलिस ने गुरुवार को मामले के एक और आरोपी बबलू बागती को मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार कर लिया है।
फर्जी तरीके से बनवाया था आधार कार्ड
आरोपी बबलू बागती ने अंबिकापुर में रहने के दौरान दीपक तिवारी के नाम पर फर्जी तरीके से आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेज बनवा लिया था। उसने एक वर्ष के दौरान अपने आपको महिन्द्रा कम्पनी में चालक होना बताया था।
आरोपी ने आसपास के लोगों को बताया था कि वह महिन्द्रा कम्पनी की नयी वाहन को लाने का काम करता है। उसने मकान मालिक को भी एक वर्ष का किराया भी नहीं दिया था।
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