मंदिर में बाल कृष्ण के लिए पालकी सजाई गई थी। जिसे श्रद्धालुओं द्वारा झुलाया गया। वहीं पूरे दिन श्रद्धालुओं का तांता दर्शन करने के लिए लगी रही। लोग अपने परिवार के साथ मंदिर पहुंच कर पूजा अर्चना की। वहीं महिलाओं द्वारा भजन कीर्तन भी किया गया। कृष्ण जनमाष्टमी के अवसर पर शुक्रवार को राज परिवार द्वारा वर्षों पहले बनवाए गए राधा वल्लभ मंदिर को आकर्षक तरीके से सजाया गया था।
पिछले तीन वर्षों से कोरोना संक्रमण के कारण धार्मिक आयोजन पर प्रतिबंध के कारण मंदिर में विशेष रूप से आयोजन नहीं किए जा रहे थे। इस वर्ष कोरोना की रफ्तार काफी कम होने के कारण मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया है। मंदिर के पुजारी राम नरेश द्विवेदी ने बताया कि रात ८.३० बजे राज पुरोहित द्वारा जन्मोत्सव की पूजा कराई जाएगी। इसके बाद पूरी रात भजन कीर्तन का आयोजन चलता रहेगा।
इस मौके पर सिंघारा व नारियल के व्यंजन तैयार किए गए। शहर के सबसे प्राचीन राधा वल्लभ मंदिर को आधुनिक लाइटिंग व फूल मालाओं से सजाया गया था। मंदिन में पूरे दिन पूजा के लिए श्रद्धालु आते रहे। लेकिन शाम होते ही मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। भीड़ को नियंत्रण करने के लिए मंदिर के मुख्य द्वार पर पुलिस बल तैनात किया गया था।
मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन
जिला मुख्यालय अंबिकापुर सिहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी जन्माष्टमी की धूम रही। विभिन्न संगठनों द्वारा जगह-जगह मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। मटकी फोड़ प्रतियोगिता में युवा व बच्चे उत्साह से भाग लिए। वहीं कोरोना संक्रमण के कारण पिछले तीन वर्षों से मटका फोड़ प्रतियोगिता जैसे सामूहिक आयोजन पर प्रतिबंध था। लेकिन इस वर्ष शहर के खास उत्साह देखा गया। लोग डीजे की धुन पर नाचते गाते नजर आए। वहीं कई स्थानों पर संगठनों द्वारा मटकी फोड़ प्रतियोगिता में पुरस्कार भी रखे गए थे।
घरों में भी की गई पूजा अर्चना
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर पूरे दिन श्रद्धालु निर्जला रख कर रात १२ बजने का इंतजार करते रहे। रात १२ बजे भगवान का जन्मोत्सव मनाया गया। इस दौरान श्रद्धालओं द्वारा अपने-अपने घरों में भी पूजा अर्चना की गई। भक्तों द्वारा भगवान बाल गोपाल को दूध, शहद, दही से स्नान कराया गया और विशेष श्रृंगार कर झुला झुलाया गया। झुले का श्रद्धालुओं द्वारा आकर्षक रूप से सजाए गए थे।