scriptKarwa Chauth 2021: 5 साल बाद इस करवा चौथ बन रहा है शुभ योग, सुहागिनों को मिलेगा इस देवता का भी आर्शीवाद | Karwa Chauth 2021: this year shubh yog on Karwa Chauth after 5 years | Patrika News

Karwa Chauth 2021: 5 साल बाद इस करवा चौथ बन रहा है शुभ योग, सुहागिनों को मिलेगा इस देवता का भी आर्शीवाद

locationअंबिकापुरPublished: Oct 20, 2021 02:27:54 pm

Karwa Chauth 2021: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि (Chaturthi) को मनाया जाता है करवा चौथ, 5 साल बाद रविवार को पड़ रहा करवा चौथ, शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) में पूजा करने से व्रती महिलाओं की पूरी होगी मनचाही इच्छा, चांद (Moon) निकलने का समय भी है निर्धारित

Karwa Chauth

Karwa Chauth 2021

अंबिकापुर. Karwa Chauth 2021: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को हर वर्ष करवा चौथ का व्रत मनाया जाता है। इस बार 24 अक्टूबर को करवा चौथ है। रविवार का दिन होने के कारण पूरे 5 साल बाद फिर शुभ योग बन रहा है। करवा चौथ पर महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती है।
रात में शुभ मुहूर्त में पूजा-पाठ के बाद चांद देखने के बाद व्रत खोलती हैं। रविवार को भगवान सूर्य का दिन होने के कारण व्रती सुहागिनों को सूर्य भगवान का भी आर्शीवाद मिलेगा।


इस कारण बन रहा शुभ योग
वर्ष 2017 के बाद इस साल करवा चौथ (Karwa Chauth 2021) पर फिर शुभ योग बन रहा है। करवा चौथ पर इस बार रोहिणी नक्षत्र में पूजा होगी, वहीं रविवार का दिन होने के कारण भगवान सूर्य का आर्शीवाद भी महिलाओं को प्राप्त होगा।
शुभ मुहूर्त में महिलाएं सूर्य भगवान की पूजा कर पति की लंबी उम्र की मन्नत मांगें। इस दौरान उनकी मनचाही इच्छा पूरी होगी।

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ये है शुभ मुहूर्त
इस बार चतुर्थी तिथि 24 अक्टूबर रविवार की अलसुबह 3 बजकर 1 मिनट पर शुरू होकर 25 अक्टूबर की अलसुबह 5 बजकर 43 मिनट तक है। इस बार रोहिणी नक्षत्र में चांद निकलेगा। चांद निकलने का समय रात 8 बजकर 11 मिनट पर है। वहीं पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 55 मिनट से 8 बजकर 51 मिनट तक है।

ऐसे करें करवा चौथ की पूजा
करवा चौथ के दिन सूर्य उदय होने से पहले उठकर स्नान आदि कर लें। इसके बाद सरगी के रूप में मिला भोजन कर पानी पीएं और भगवान गणेश की पूजा कर निर्जला व्रत का संकल्प लें। इसके बाद शाम तक उपवास रखें। पूजा के लिए शाम के समय एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना कर इसमें करवा रखें।
एक थाली में धूप, दीप, चन्दन, रोली, सिन्दूर रखें और घी का दीपक जलाएं। चांद निकलने के एक घंटे पहले पूजा शुरु करें और छलनी में चांद का दर्शन कर व्रत खोलें।

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