राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत जिले के 48596 किसानों के खाते में 38 करोड़ 82 हजार 630 रुपये की राशि अंतरित की गई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री सिंहदेव ने कहा कि स्व. राजीव गांधी ने 21 वीं सदी के भारत का सपना देखा था जिसमें आधुनिक आईटी युग की परिकल्पना, निचले तबके तक योजनों का लाभ पहुंचाना प्रमुख है।
गांधी के विजन को ध्यान में रख हमारी सरकार बड़ा लक्ष्य आगे रख कर काम कर रही है। चाहे राजीव गांधी किसान न्याय योजना हो, गोधन न्याय योजना हो या राजीव गांधी कृषि भूमिहीन मजदूर न्याय योजना हो, सभी का लक्ष्य बड़ा है और लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त करना है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सूचना का धिकार, शिक्षा का अधिकार, रोजगार के अधिकार को कानूनी मान्यता दी गई है, उसी प्रकार स्वास्थ्य का अधिकार भी मिले, इस पर भी पहल की जा रही है।
प्रदेश की जनता की एक न्यूनतम आमदनी तय करने की दिशा में किसान न्याय योजना के तहत धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य, तेंदूपत्ता संग्रहण दर 4000 रुपए प्रति मानक बोरा, 63 प्रकार के वनोपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा कोदो कुटकी का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीदी हो रही है। उन्होंने कहा कि सब मिलकर काम करेंगे तो संतोष के भाव का अनुभव करेंगे।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ आदिवासी स्थानीय स्वास्थ्य परम्परा व औषधि पादप बोर्ड के अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक, महापौर डॉ. अजय तिर्की, जिला पंचायत अध्यक्ष ी मधु सिंह, उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंहदेव, जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता, पार्षद द्वितेंद मिश्रा, जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार लंगेह, नगर निगम आयुक्त विजय दया राम के सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी एवं हितग्राही उपस्थित थे।
तीनों योजनाओं में हितग्राहियों को मिल रहा लाभ
लुंड्रा विधायक डॉ. प्रीतम राम ने कहा कि तीनों योजना के तहत सरगुजा जिले के किसानों, पशुपालकों और मजदूरों के खाते में राशि का अंतरण किया गया, जो योजना की सफलता का प्रमाण है। तीनों योजनाओं में हितग्राहियों को लाभ मिल रहा है। इन्हें गति देकर आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि सब को विश्वास है कि सरकार जो कहती है वह करती है। कलक्टर संजीव कुमार झा ने कहा कि जिले के 48596 किसानों के खाते में 38 करोड 82 लाख रुपये का डीबीटी किया गया। आंकड़ों से पता चलता है कि किसानों की संख्या, पंजीकृत रकबा तथा राशि में लगातार वृद्धि होती जा रही है। इन योजनाओं से फायदा मिलने से किसानों के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है।