scriptनिगम की सामान्य सभा में नेता प्रतिपक्ष ने लहराई साडिय़ां और ब्लाउज, जमकर हुई नोकझोंक | Leader of opposition opposes sarees and blouse in General assembly | Patrika News

निगम की सामान्य सभा में नेता प्रतिपक्ष ने लहराई साडिय़ां और ब्लाउज, जमकर हुई नोकझोंक

locationअंबिकापुरPublished: Jul 01, 2018 05:49:34 pm

राजमोहिनी भवन में आयोजित सभा में सड़क डामरीकरण की गुणवत्ता, साड़ी खरीदी सहित अन्य मुद्दों को लेकर विपक्ष ने सत्ता पक्ष को घेरा

Sarees

General assembly of Nigam

अंबिकापुर. नगर निगम के सामान्य सभा की बैठक शनिवार को राजमोहनी भवन में आयोजित की गई। प्रश्न काल के दौरान कई ऐसे मुद्दे सामने आए, जिनमें सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच विवाद जैसी स्थिति निर्मित हो गई। शहर के घरों से कचरा कलेक्शन करने वाली महिलाओं की साडिय़ों में भ्रष्टाचार का मुद्दा भी छाया रहा।
सभा में नेता प्रतिपक्ष व भाजपा पार्षदों ने साडिय़ां व ब्लाउज लहराते हुए कहा कि जिन साडिय़ों का मार्केट रेट 350 रुपए हैं उन्हें 785 रुपए में खरीदी गई। इस पर महापौर ने जांच कराकर कार्रवाई करने की बात कही।

सामान्य सभा में सबसे पहले सड़क निर्माण व उसकी गुणवत्ता पर नेता प्रतिपक्ष जन्मजेय मिश्रा व वरिष्ठ पार्षद आलोक दुबे द्वारा सवाल खड़े किए गए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि शहर के अंदर अलग-अलग जगह सड़क का निर्माण किया जा रहा है लेकिन उसमें गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण में जो डामर का उपयोग किया जा रहा है। उसमें डामर की मात्रा कम से कम ५ प्रतिशत होनी चाहिए, लेकिन कई जगह ठेकेदार द्वारा ३.९ प्रतिशत ही डामर उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही इमरशन में पानी मिलाया जा रहा है। पार्षद आलोक दुबे ने भी कहा कि इसकी गुणवत्ता को लेकर सभी आशंकित हैं। इस पर एमआईसी सदस्य अजय अग्रवाल ने कहा कि इमरशन में तो पूर्व में भी पानी मिलाया जाता था।
पार्षद मधुसूदन शुक्ला ने कहा कि सड़क निर्माण में प्लास्टिक ग्रेनुअल मिक्स होना था। लेकिन ठेकेदार कहीं भी इसका उपयोग नहीं कर रहा है। इस पर सभापति ने कहा कि अगर निविदा में इसका प्रावधान होगा तो ठेकेदार का भुगतान नहीं किया जाएगा। उन्होंने ईई सुनील सिंह से पूछा कि इसमें मरम्मत का प्रावधान है या नहीं।
ईई बताया कि सड़क निर्माण के बाद तीन वर्ष तक ठेकेदार द्वारा उसकी गुणवत्ता बरकरार रखना है। शहर में बनने वाले वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के संबंध में नेता प्रतिपक्ष द्वारा पूछे गए सवाल पर अजय अग्रवाल ने कहा कि 1465 मकानों की अनुज्ञा जारी की गई है। इसमें से 382 में ही वाटर हार्वेस्टिंग बनाया गया है। वाटर हार्वेस्टिंग के नाम पर नगर निगम में 2 करोड़ रुपए जमा है।
इस पर सभी ने आपत्ति जताई। पार्षद आलोक दुबे ने कहा कि यह निगम की विफलता है कि आज तक महज ३८२ मकान में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवाया गया है। उन्होंने कहा कि शहर के युवाओं को जो वाटर हार्वेस्टिंग पर कार्य कर रहे हैं उन्हें इस काम की निविदा दे दी जाए ताकि वे हार्वेस्टिंग बनवा सकें।
पार्षद मधुसूदन शुक्ला ने कहा जब कोई मकान बनाता है तो उसमें वाटर हार्वेस्टिंग का शर्त जुड़ा होता है। अगर कोई नहीं बनवाता है तो सार्वजनिक जगहों पर निगम वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवाये। अन्यथा प्रथम तल की अनुमति नहीं दे। इसपर अजय अग्रवाल ने कहा कि जो अधिनियम कहता है उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे। सभापति ने निगम में जमा रुपए से सार्वजनिक तौर पर वाटरहार्वेस्टिम निर्माण कराने की बात कही।
इस दौरान परमवीर सिंह बाबरा, संजय अग्रवाल, द्वितेन्द्र मिश्रा, नुरूल अमीन सिद्दीकी, विजय सोनी, नीतू शर्मा, सुमित्रा सारथी, सीमा सोनी, कौशर रंगरेज, श्वेता गुप्ता, अनुराधा गोस्वामी, विकास वर्मा, मनोज कंसारी, निरंजन राय, अवधेश सोनकर, संतोष दास, शैलेष सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

साड़ी खरीदी में भ्रष्टाचार का छाया रहा मुद्दा
पार्षद मधुसूदन शुक्ला ने विषय पर चर्चा के पहले एसएलआरएम सेंटर में कार्य करने वाली महिलाओं की समस्याओं को उठाया। उन्होंने कहा कि जिन महिलाओं के काम की बदौलत निगम को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। उन्हीं महिलाओं की साड़ी खरीदी में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। उन्होंने कहा कि जो साड़ी बाजार में 350 रुपए की है, उसे निगम द्वारा ७८५ रुपए में खरीद कर जमकर भ्रष्टाचार किया गया है।
उन्होंने कहा कि जब सर्वेक्षण के लिए टीम आती है तो सबकुछ चकाचक दिखाई देता है। प्लास्टिक पर तो हम आज तक प्रतिबंध नहीं लगा पाए हैं। हम कहते हैं कि निगम डम्पिंग यार्ड मुक्त है। लेकिन आज भी भि_ीकला में हजारों टन कचरा डम्प किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिर्फ कागजों पर हम स्वच्छ शहर हैं। इसप र महापौर डॉ. अजय तिर्की नेे कहा कि विपक्ष को मुझ पर आपत्ति है। लेकिन मैं यह दावा करता हूं कि अगले वर्ष नम्बर 11 से नम्बर 1 पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि इंदौर जैसे शहर में अरबों रुपए का बजट खर्च कर देश में अव्वल है।
हमें इसका 5 प्रतिशत ही दे दें तो हम देश में अव्वल हो जाएंगे। सरकार से बजट की मांग आप कीजिए, जहां तक साड़ी खरीदी की बात है तो इसकी जांच कमेटी गठित कर कराई जाएगी। जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। महापौर के जवाब पर पार्षद मधुसूदन शुक्ला ने आपत्ति जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की बैठक में महापौर अनुपस्थित थे। जब आप सीएम की बैठक में शामिल नहीं होंगे तो बजट कैसे मिलेगा।

बिजली की लचर व्यवस्था से गहराया पेयजल संकट
पेयजल सप्लाई पर पार्षद हेमंत सिन्हा ने कहा कि गर्मी में बिजली गुल होने की वजह से पानी की समस्या बनी रही। लगातार ५७ घंटे बिजली गुल होने की वजह से पानी नहीं चढ़ाया जा सका था। महापौर ने कहा कि किस कारण से बिजली गुल था यह सभी जानते हैं। इस पर नेता प्रतिपक्ष मिश्रा ने कहा कि विकास यात्रा 10 जून को थी लेकिन यह समस्या पूर्व से थी।
तकिया फिल्टर प्लांट का जनरेटर अगर बना ही नहीं था तो काम कैसे होगा। इस दौरान पार्षद मधुसूदन शुक्ला ने कहा कि पेयजल अति आवश्यक सेवा में आता है। अगर हमारा जनरेटर खराब था तो फिर किराया पर जनरेटर लेना चाहिए था। लेकिन इसकी वजह से पानी की समस्या नहीं होनी चाहिए थी।

अमृत मिशन का छाया मुद्दा
पार्षद आलोक दुबे द्वारा अमृत मिशन में कितनी राशि प्राप्त हुई और कितना काम हुआ इस संबंध में पूछा गया था। जवाब देते हुए प्रभारी सदस्य हेमंत सिन्हा ने बताया कि अमृत मिशन के तहत 106 करोड रुपए प्राप्त हुए हैं। इसके साथ ही 6295 मीटर लंबे पाइप लाइन का काम किया जा चुका है और अब तक 28 करोड रुपए खर्च किए जा चुके हैं।
इस पर आलोक दुबे ने कहा कि अमृत मिशन योजना में कई काम हैं। इसमें पार्क निर्माण का भी काम है। जब हम नए वार्ड में एक इंच भी पाइप लाइन विस्तार का काम नहीं किया गया है। तो फिर 4.5 करोड रुपए के पार्क निर्माण की क्या जरूरत है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो