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कभी गिर सकता है शहर का सबसे पुराना लाइब्रेरी भवन, देखरेख नहीं होने से दीमकों ने चट कर दीं महंगी किताबें

locationअंबिकापुरPublished: Oct 15, 2020 04:18:53 pm

Library: नगर निगम द्वारा संचालित पुस्तकालय के आस-पास के कई दुकानदारों को सता रहा है डर, महापौर ने मंगाई रिपोर्ट

कभी गिर सकता है शहर का सबसे पुराना लाइब्रेरी भवन, देखरेख नहीं होने से दीमकों ने चट कर दीं महंगी किताबें

Library building fell

अंबिकापुर. शहर के महामाया चौक स्थित लगभग 70 वर्ष पुराना पुस्तकालय खंडहर हो चुका है। देखरेख नहीं होने से पुस्तकालय में रखी महंगी किताबों को दीमकों (Termites) ने चट कर लिया है। यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इसके बाद भी नगर निगम पुस्तकालय (Library) को जर्जर घोषित करने का इंतजार कर रहा है।

पुरानी धरोहर (Old heritage) किसी भी शहर की पहचान होती है। हर किसी का कर्तव्य होता है कि अपने शहर के धरोहर को संजोकर रखा जाए, ताकि शहर की पहचान बन सके। अंबिकापुर शहर का सबसे पुराना पुस्तकालय भी किसी धरोहर से कम नहीं है।
70 वर्ष पूर्व महामाया चौक स्थित प्रशासन द्वारा एक पुस्तकालय का निर्माण कराया गया था, ताकि शहर के युवा पुस्तकालय जाकर अपने रुचि व कंपटीशन की तैयारी अनुसार किताबों को पढ़ सकें।

अंबिकापुर के नगर निगम बनने के बाद यह पुस्तकालय निगम के अधीन हो गया। या यूं कहें कि 70 वर्ष पुराना पुस्तकालय निगम के भवन में संचालित होने लगा, और इस पुस्तकालय के देख रेख की जिम्मेदारी भी निगम की हो गई।
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निगम को दी गई है जानकारी
पुस्तकालय (Library) की जर्जर स्थिति को देख आसपास के दुकानदारों ने कुछ दिनों पहले इसकी सूचना नगर निगम को दी थी। दरअसल जिस निगम भवन में पुराना पुस्तकालय है उस भवन में कुछ दुकान भी संचालित हो रही है। अब दुकान संचालकों को डर सता रहा है कि पुस्तकालय के खंडहर भवन की वजह से कही बड़ा हादसा न हो जाए।

देखरेख के अभाव में हो गया जर्जर
देखरेख के अभाव में शहर के सबसे पुराने पुस्तकालय भवन की हालत दिनों-दिन जर्जर होने लगी। निगम का ध्यान भी इस ओर आकर्षित नहीं हुआ। खामियाजा पुस्तकालय में रखी सभी पुस्तकों में दीमक लग गई, और छत की सीलिंग भी धीरे धीरे कर गिरने लगी। निगम की लापरवाही की वजह से यह पुस्तकालय किसी खंडहर से कम नजर नहीं आता।

रिपोर्ट के आधार पर घोषित किया जाएगा जर्जर
इस संबंध में महापौर डॉ. अजय तिर्की का कहना है कि पुराने पुस्तकालय के संबंध में दुकानदारों से जानाकरी मिली थी। इसके बाद उन्होंने सब इंजीनियर को निर्देशित कर पुस्तकालय भवन की रिपोर्ट मंगाई।
वहीं रिपोर्ट के आधार पर भवन का अवलोकन करने के बाद उसे जर्जर घोषित करने की प्रक्रिया निगम करेगा। उसी स्थल पर एक नए निगम कॉम्प्लेक्स के निर्माण की योजना शहर की सरकार बनाएगी।
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