पुरानी धरोहर (Old heritage) किसी भी शहर की पहचान होती है। हर किसी का कर्तव्य होता है कि अपने शहर के धरोहर को संजोकर रखा जाए, ताकि शहर की पहचान बन सके। अंबिकापुर शहर का सबसे पुराना पुस्तकालय भी किसी धरोहर से कम नहीं है।
पुस्तकालय (Library) की जर्जर स्थिति को देख आसपास के दुकानदारों ने कुछ दिनों पहले इसकी सूचना नगर निगम को दी थी। दरअसल जिस निगम भवन में पुराना पुस्तकालय है उस भवन में कुछ दुकान भी संचालित हो रही है। अब दुकान संचालकों को डर सता रहा है कि पुस्तकालय के खंडहर भवन की वजह से कही बड़ा हादसा न हो जाए।
देखरेख के अभाव में हो गया जर्जर
देखरेख के अभाव में शहर के सबसे पुराने पुस्तकालय भवन की हालत दिनों-दिन जर्जर होने लगी। निगम का ध्यान भी इस ओर आकर्षित नहीं हुआ। खामियाजा पुस्तकालय में रखी सभी पुस्तकों में दीमक लग गई, और छत की सीलिंग भी धीरे धीरे कर गिरने लगी। निगम की लापरवाही की वजह से यह पुस्तकालय किसी खंडहर से कम नजर नहीं आता।
रिपोर्ट के आधार पर घोषित किया जाएगा जर्जर
इस संबंध में महापौर डॉ. अजय तिर्की का कहना है कि पुराने पुस्तकालय के संबंध में दुकानदारों से जानाकरी मिली थी। इसके बाद उन्होंने सब इंजीनियर को निर्देशित कर पुस्तकालय भवन की रिपोर्ट मंगाई।