गौरतलब है कि बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर निवासी नौशाद के पैर में फै्रक्चर था। वह इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर आया था। यहां चिकित्सकों द्वारा कच्चा प्लास्टर किया गया। इसके बाद नौशाद व इसके परिजन के पीछे बिचौलिए लग गए।
उसे शहर के एक निजी अस्पताल में अच्छे इलाज का भरोसा दिलाकर यहां से रेफर करा दिया गया। रेफर कागज बनते ही मरीज को निजी अस्पताल ले जाने के लिए शहर के एक नामचीन अस्पताल का एंबुलेंस मरीज को लेने आ गया और उसे लेकर चला गया। जबकि एंबुलेंस में डॉ. फिरदौसी खरसिया नाका अंबिकापुर लिखा हुआ है।
जबकि मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर के अंदर निजी एंबुलेंस की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। अगर कोई भी एंबुलेंस अस्पताल परिसर के अंदर प्रवेश करता है तो उसकी एंट्री सिक्योरिटी गार्ड द्वारा की जाती है।
चिकित्सकों की निजी अस्पताल में विशेष रुचि
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सकों के ही भरोसे शहर के निजी अस्पताल चल रहे हैं। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लगभग हर विभाग के डॉक्टर निजी अस्पताल में अपनी सेवाएं देते हैं। ऐसे चिकित्सकों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सेवा देने में मन नहीं लग रहा है। इसी बीच मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मरीजों को बरगला कर निजी अस्पताल ले जाने का भी काम किया जा रहा है।
अस्पताल के पास सक्रिय रहते हैं बिचौलिए
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पास निजी अस्पताल के लिए काम करने वाले बिचौलिए सक्रिय रहते हैं। जैसे ही मरीज गेट पर पहुंचता है, वैसे ही निजी एंबुलेंस चालक सक्रिय हो जाते हैं और मरीज को निजी अस्पताल में भर्ती कराने के प्रयास में जुट जाते हैं। परेशान मरीज या उसके परिजनों को बरगला कर निजी अस्पताल ले जाते हैं, फिर पैसा जमा कराने का सिलसिला शुरु हो जाता है।
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मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधिकांश चिकित्सक निजी अस्पताल में सेवा देने में व्यस्त रहते हैं। टाइमिंग के बाद ये ओपीडी में पहुंचते हैं और निर्धारित ड्यूटी समय खत्म होने से पूर्व ओपी से चले जाते हैं।
ऐसे में मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती मरीजों को समय पर उनका उपचार नहीं हो पाता है। समय पर उपचार नहीं हो पाने के कारण मरीज व इनके परिजन परेशान होकर निजी अस्पताल जाने का रास्ता तलाशने लगते हैं और ग्रामीण क्षेत्र से आए लोग बिचौलिए के चंगुल में फंस जाते हैं।
निजी एंबुलेंस के प्रवेश पर है प्रतिबंध
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के बाहर निजी एंबुलेंस काफी संख्या में खड़े रहते हैं। सख्त कार्रवाई के निर्देश के बावजूद भी लोग नहीं मान रहे हैं। इससे पूर्व भी मेडिकल कॉलेज अस्पताल से निजी एंबुलेंस से मरीजों को प्राइवेट अस्पताल ले जाने का मामला सामने आ चुका है।
इसे देखते हुए मेडिकल कॉलेज अस्पताल अधीक्षक ने सख्त कदम उठाते हुए सिक्योरेटी गार्ड तैनात किए थे, ताकि कोई भी निजी एंबुलेंस अस्पताल परिसर में प्रवेश करे तो इसकी पूरी एंट्री की जाए। इसके बावजूद मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में निजी एंबुलेंस के आने पर प्रतिबंध नहीं लग सका है।