Medical college: तीन दिन से लगातार हो रही बारिश ने अस्पताल प्रबंधन की व्यवस्थाओं की खोली पोल, मरीजों को हो रही परेशानी
Dripping roof of Medical college hospital, Fell wall of Surgical ward
अंबिकापुर. लगातार हो रही मुसलाधार बारिश से मेडिकल कालेज (Medical college) अस्पताल के विभिन्न वार्ड की छतें टपक रहीं हैं। हालात ऐसे है कि वार्डों में दाखिल मरीजों का मर्ज टपक रही छतों ने और बढ़ा दिया है। मरीजों के बिस्तर तक पानी से भीग गए है। इस कारण वार्डों में दाखिल मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
अस्पताल के नकीपुरिया वार्ड की हालात बद से बदतर हो गई है। लगातार बारिश के कारण हो रहे सिपेज से एक दीवार भी गिर गई है। हालांकि दीवार गिरने से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है। लगातार हो रही बारिश ने अस्पताल प्रबंधन की व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी है।
गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेज (Medical college) अस्पताल का भवन काफी पुराना हो चुका है। पिछले कई वर्षों से बारिश के दिनों में जल जमाव व सीपेज की परेशानी सामने आती रही है। इसके बावजूद मरम्मत नहीं कराई जाती है। वहीं मेडिकल कॉलेज अस्पताल का काफी पुराने नकीपुरिया वार्ड में फिलहाल सर्जिकल वार्ड चल रहा है।
पीडब्ल्यूडी द्वारा इस भवन को पूर्व में ही डिस्मेंटल घोषित कर दिया गया था। इसके बावजूद भी नकीपुरिया वार्ड में सर्जिकल वार्ड चल रहा है। पूर्व में चल रहे सर्जिकल वार्ड को फिलहाल में कोविड-19 अस्पताल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन बारिश शुरू होते ही नकीपुरिया वार्ड में परेशानी शुरू हो गई।
शुक्रवार की रात शनिवार को पूरे दिन हो रही बारिश से वार्ड की छत से पानी टपकना शुरू हो गया। हालात ऐसे है कि वार्डों में दाखिल मरीजों का मर्ज टपक रही छतों ने और बढ़ा दिया है। मरीजों के बिस्तर तक पानी से भीग गए। इस कारण वार्डों में दाखिल मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सीपेज से गिर गई दीवार लगातार हो रही बारिश ने मुश्किलें बढ़ा दी है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कई जगह सीपेज की समस्या शुरू हो गई है। वहीं काफी पुराने नकीपुरिया वार्ड में पानी सीपेज होने से वार्ड की एक दीवार गिर गई। हालांकि दीवार गिरने से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है।
दिया जाना था नया स्वरूप मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नकीपुरिया वार्ड में फिलहाल सर्जिकल वार्ड चल रहा है। इससे पूर्व गायनिक वार्ड चलता था। एमसीएच के निर्माण के बाद गायनिक वार्ड को एमसीएच में शिफ्ट करा दिया गया था। इसके बाद से नकीपुरिया वार्ड खाली पड़ा था।
वहीं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव जब पहली बार निरीक्षण करने अस्पताल पहुंचे थे तो खाली पड़े नकीपुरिया वार्ड को मरम्मत कराकर नया स्वरूप देने की बात कही थी। नया स्वरूप देने के लिए इस वार्ड के लिए राशि भी स्वीकृति की बात सामने आई थी। इसके बादवजूद भी अब तक कोई पहल नहीं की गई है।
अस्पताल का एक हिस्सा कोविड के लिए वैश्विक महामारी कोरोना में फिलहाल मेडिकल कॉलेज (Medical college) अस्पताल का एक हिस्सा कोविड-19 के वार्ड के रूप में उपयोग किया जा रहा है। इस स्थिति में अगर बारिश के दिनों में सिपेज व छत से पानी टपकने की समस्या दूर नहीं की जाती है तो काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।