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वीरभद्र सिंहदेव के अंतिम संस्कार में शामिल हुए मंत्री-विधायक, दुर्ग-अंबिकापुर ट्रेन से गिरकर हुई थी मौत

locationअंबिकापुरPublished: Aug 13, 2022 09:19:06 pm

Veerbhadra Singhdeo funeral: प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के रिश्ते में भतीजे रहे वीरभद्र सिंहदेव का ट्रेन से गिरकर हो गया था निधन, गमगीन माहौल में धौरपुर के रानी तालाब में हुआ अंतिम संस्कार

Veerbhadra Singhdeo funeral

Funeral of Veerbhadra Singhdeo

अंबिकापुर. एक हादसे में लुंड्रा जनपद उपाध्यक्ष स्व. वीरभद्र सिंह (सचिन बाबा) का निधन हो गया था। शनिवार को गमगीन माहौल में धौरपुर के रानी तालाब में उनका अंतिम संस्कार किया गया। मुखाग्नि उनके छोटे भाई विक्रम सिंह ने दी। धौरपुर हाउस में वीरभद्र सिंह को श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा। अंतिम संस्कार कार्यक्रम में मंत्री, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि समेत काफी संख्या में परिजन शामिल हुए।

इस दौरान जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने पार्थिव शव को कांग्रेस के झंडे से ढक कर कांग्रेस परिवार की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने घाट पर उक्त पार्टी के झंडे को स्व. वीरभद्र सिंह के पिता सोमेश्वर सिंह को सौंपते हुए शोक संतप्त परिवार को ढांढ़स बंधाया।

अंतिम संस्कार में मंत्री भी हुए शामिल
वीरभद्र सिंहदेव के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, विधायक लुंड्रा डॉ. प्रीतम राम, वनौषधि पादप बोर्ड के अध्यक्ष बाल कृष्ण पाठक, अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह, हस्त शिल्प बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष अनिल सिंह मेजर, पूर्व महापौर प्रबोध मिंज,
महेश्वर पैकरा, जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता, ग्रामीण अध्यक्ष बंटी शर्मा, अतुल सिंह, डीके सिंह, विक्रमादित्य सिंहदेव, अमित सिंहदेव, केपी सिंहदेव, रणविजय सिंह, शैलेष सिंह, दीपक मिश्रा, दानिश रफीक सहित काफी संख्या में गणमान्यजन शामिल हुए।

दुर्ग-अंबिकापुर ट्रेन से गिरकर स्वास्थ्य मंत्री टीएस के भतीजे वीरभद्र सिंहदेव की मौत


ये थी घटना
धौरपुर हाउस के लाल सोमेश्वर प्रताप सिंहदेव के ज्येष्ठ पुत्र वीरभद्र सिंहदेव उर्फ सचिन बाबा अपनी पत्नी, 10 वर्षीय पुत्र व 8 वर्षीय पुत्री को छोडऩे रायपुर गए थे। उन्हें छोडकऱ वे दुर्ग-अंबिकापुर ट्रेन से गुरुवार की रात अंबिकापुर लौट रहे थे। इसी दौरान वे ट्रेन के गेट से गिर गए और उनकी मौत हो गई।
शुक्रवार की सुबह उनका फोन नहीं लग रहा था। जब वे घर नहीं पहुंचे तो परिजनों को उनकी चिंता होने लगी। यह भी पता चला कि उनका सामान ट्रेन में ही पड़ा है। जब खोजबीन की गई तो पता चला कि बिलासपुर से पूर्व बेलगहना स्थित रेलवे ट्रैक पर उनका शव पड़ा है। इसकी सूचना जब परिजनों को हुई तो उनके बीच कोहराम मच गया था।
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