गौरतलब है कि लंबे समय से सरगुजा संभाग में हाथी-भालू समेत अन्य जंगली जानवरों द्वारा लोगों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। सबसे अधिक हाथी से लोग प्रभावित है।
टीएस सिंहदेव ने बताया कि सरगुजा क्षेत्र में हाथियों के रिहायशी क्षेत्र में लगातार आवाजाही के मद्देनजर अत्याधुनिक उपकरणों से युक्त गजराज वाहन उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इन वाहनों में हाइबीम लाइट, हुटर, वन्यप्राणियों को नियंत्रित करने के लिए जाल, लोहे की जंजीर, सैकल आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
इन वाहनों से शहरों, गांव एवं कस्बों में पहुंचे हाथियों को चिंहित कर उन्हें ट्रैंकुलाइज कर क्राल में रखने में मदद मिलेगी तथा हाथियों को ट्रैंकुलाइज किया जा सकेगा। परिवहन प्रक्रिया में उपयोग आने वाले उपकरणों जैसे चैन, सलैंग इत्यादि के उपयोग से स्थानीय वन अमले में आत्मविश्वास का विकास होगा।
हाथी प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को राहत मिलेगी। हाथी के अलावा भालू, Pig आदि अन्य वन्यप्राणियों के कारण उत्पन्न होने वाले संकट से भी राहत मिलेगी। इस अवसर पर सरगुजा वन वृत्त अम्बिकापुर के मुख्य वन संरक्षक केके बिसेन सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।