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कोरोना पॉजिटिव महिला ने बच्चे को दिया जन्म, सीने से लगा भी न सकी और नवजात ने तोड़ दिया दम

locationअंबिकापुरPublished: Oct 01, 2020 11:07:19 pm

Newborn death: बच्चे को खोने के बाद अब जिंदगी की जंग लड़ रही महिला, ब्लीडिंग होने के कारण 8वें महीने में ही करानी पड़ी डिलीवरी, प्रसव कराने के बाद डॉक्टर भी हुए आइसोलेट

कोरोना पॉजिटिव महिला ने बच्चे को दिया जन्म, सीने से लगा भी न सकी और नवजात ने तोड़ दिया दम

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अंबिकापुर. कोरोना पीडि़त (Covid-19) महिला ने बच्चे को जन्म तो दिया पर उसे सीने से नहीं लगा सकी। कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। जन्म के कुछ घंटे बाद ही बच्चे की मौत हो गई। महिला 8 महीने की गर्भवती थी।
ब्लीडिंग होने के कारण उसका ऑपरेशन करना पड़ा। प्री मेच्योर होने के कारण कुछ ही देर बाद नवजात की मौत (Newborn death) हो गई। बच्चे को खोने के बाद अब महिला कोविड आईसीयू में कोरोना से जंग लड़ रही है।

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जशपुर जिले के कांसाबेल निवासी 28 वर्षीय एक महिला 8 महीने की गर्भवती (Pregnant) थी। उसे ब्लीडिंग की परेशानी होने पर 29 सितंबर की रात को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लाया गया था। यहां जांच के बाद चिकित्सकों ने ऑपरेशन द्वारा प्रसव कराने की सलाह दी।
ऑपरेशन करने के लिए महिला का कोरोना (Covid-19) जांच की गई, यहां वह पॉजिटिव पाई गई। रिपोर्ट आने के बाद चिकित्सकों ने 30 सितंबर की रात 9 बजे कोविड ओटी में ऑपरेशन कर प्रसव कराया।
समय से पूर्व बच्चे को जन्म होने के कारण वजन कम था। बच्चे को एसएनसीयू में रखा गया था। यहां जन्म के कुछ घंटे बाद बच्चे की मौत (Newborn death) हो गई। इसके बाद महिला की पीड़ा और दोगुनी हो गई।

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कोविड आईसीयू में भर्ती है महिला
कोरोना का बुरा असर गर्भवती महिलाओं पर भी पड़ रहा है। नवजात की मौत के बाद कोरोना पीडि़त महिला की पीड़ा और बढ़ गई है। कोरोना के डर के कारण वह बच्चे का चेहरा भी अच्छे से नहीं देख पाई। महिला को कोविड आईसीयू में विशेष निगरानी में रखा गया है।

ऑपरेशन के बाद डॉक्टर आइसोलेट
कोरोना का नाम सुनते ही लोग दूरी बनाना शुरू कर देते हैं। अपना हो या पराया लोग कोरोना पीडि़त (Corona positive) के संपर्क में आने से बचते हैं। वहीं मेडिकल कॉलेज अस्पताल के महिला चिकित्सकों ने अब तक दो कोरोना पीडि़त महिलाओं का प्रसव कराया है।
चिकित्सकों ने कोरोना पीडि़तों का ऑपरेशन कर अपना फर्ज निभाने का काम किया है। वहीं ऑपरेशन में शामिल चिकित्सकों को असोला सेंटर में आइसोलेट कर दिया गया है।

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