ग्राम तुरगा निवासी संतोष यादव अपने परिजनों के साथ १६ मई की रात महतारी एक्सप्रेस से गर्भवती पत्नी अंजू यादव का प्रसव कराने लखनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आया था। यहां भर्ती कराने के बाद परिजन को स्टाफ नर्सों ने सुरक्षित प्रसव का भरोसा दिलाया। इस पर परिजन संतुष्ट होकर नवजात का दुनिया में आने का इंतजार करने लगे।
वे काफी खुश थे। इसी दौरान देर रात लगभग 2 बजे महिला की प्रसव पीड़ा बढ़ गई, इस पर परिजन ने नर्सों को बुलाकर लाया तो उन्होंने प्रसुता को जिला अस्पताल रेफर करने की बात कही।
इस बीच काफी समय बीत गया। फिर सुबह करीब 8 बजे परिजन ने बीएमओ डॉ. पीएस केरकेट्टा से चर्चा की तो उन्होंने प्रसव में समय लगने की बात कही। इसके बाद प्रसव के दौरान ही महिला कोख में नवजात की मौत हो गई, जिसके शव को ऑपरेशन कर निकाला गया।
नवजात को गोद में लेकर रोते रहे परिजन, डॉक्टर बोले नहीं हुई लापरवाही
परिजन नवजात के शव को गोद में लेकर बिलखने लगे। उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों व नर्सों पर प्रसव के दौरान लापरवाही का आरोप लगाया। इस संबंध में बीएमओ डॉ. केरकेट्टा ने बताया कि प्रसव के दौरान बच्चे की मौत हुई है, किसी प्रकार की लापरवाही नहीं हुई है।