सूरजपुर जिले के जयनगर थाना क्षेत्र निवासी विशेष ने अपनी पत्नी सविता को प्रसव के लिए ११ दिसंबर २०२१ को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया था। १२ दिसंबर को उसने बच्चे को जन्म दिया था। जन्म के बाद बच्चे का स्वास्थ्य जांच कराया गया तो पता चला कि उसने गर्भ में ही गंदा पानी पी लिया है, जो सांस नली में फंसा हुआ है, इससे उसे सांस लेने में भी परेशानी हो रही है।
खुशी से नम हो गईं मां की आंखें
जन्म के बाद जहां मां अपने बच्चे को सीने से लगा कर रखतीं हैं। वहीं यह नवजात मां से दूर एसएनसीयू में जिंदगी और मौत से जूझता रहा। आखिकर कार मौत को मात देकर वह अपने मां के गोद में पहुंच गया। मां ने ४२ दिन बाद अपने कलेजे के टुकड़े को गोद में लिया और उसे सीने से लगाया। इस दौरान मां की आंखे खुशी से नम हो गई। वहीं इलाज कर रहे चिकित्सकों ने बच्चे को फाइटर (Fighter) बताया।
एक साल तक किया जाएगा फॉलोअप
एसएनसीयू के सीनियर स्टाफ नर्स सिस्टर रजनी सोनी ने बताया कि जन्म के तीन घंटे बाद नवजात बच्चे को एसएनसीयू में भर्ती कराया गया था। बच्चा काफी गंभीर था। उसे विशेष निगरानी में रखा गया था। ४२ दिन बाद शनिवार को डिस्चार्ज किया गया है। बच्चे को अब हर महीने फालोअप के लिए बुलाया जाएगा और उसकी स्वास्थ्य जांच की जाएगी।