Officers insult: जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों में इतना गुस्सा था कि दोनों को 3 घंटे से भी अधिक समय तक बनाए रखा बंधक (Mortgage), प्रशासनिक अफसरों व जनप्रतिनिधियों की समझाइश पर देर शाम छोड़ा
CGRDC officers
अंबिकापुर. घटिया सड़क निर्माण को लेकर रविवार को ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। अंबिकापुर-प्रतापपुर मार्ग पर जिला पंचायत सदस्य व जनपद सदस्य की उपस्थिति में ग्रामीणों ने न केवल मार्ग अवरूद्ध कर दिया, बल्कि सड़क विकास निगम के सब इंजीनियर व प्रोजेक्ट इंजीनियर को 3 घंटे से अधिक समय तक शहर से लगे ग्राम सरगवां के समीप बंधक (Officers mortgage) बनाकर रखा।
गुस्साई महिलाओं ने दोनों अधिकारियों को चूडिय़ां पहनाईं तथा माथे पर बिंदी लगा दी। इस दौरान दोनों अधिकारी हाथ जोड़े खड़े रहे। इसकी सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे एसडीएम तथा जनप्रतिनिधियों की समझाइश के बाद ग्रामीणों ने अधिकारियों को छोड़ा।
इस दौरान जब अधिकारियों ने सड़क निर्माण के मुख्य ठेकेदार से सम्पर्क किया तो उसने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि सड़क की पूरी जिम्मेदारी पेटी कान्ट्रेक्टर की है। फिर अफसरों ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि गुणवत्तायुक्त सड़क का निर्माण कराया जाएगा।
अंबिकापुर-प्रतापपुर मार्ग का निर्माण कार्य शुरू होने के साथ ही विवादों में घिर गया था। स्थानीय पेटी कान्ट्रेक्टर द्वारा काफी स्तरहीन काम किए जाने को लेकर ग्रामीण काफी नाराज थे। पूर्व में लुण्ड्रा विधायक चिंतामणि महाराज ने सड़क पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया था।
इसके बावजूद ठेकेदार द्वारा सड़क निर्माण की गुणवत्ता सुधार की कोई पहल नहीं की गई। सड़क के घटिया निर्माण को देखते हुए और लगातार शिकायत मिलने पर कलक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने ठेका कम्पनी का भुगतान रोक दिया था। इसके बावजूद अधिकारियों द्वारा फील्ड में मॉनिटरिंग नहीं किए जाने की वजह से ठेका कम्पनी द्वारा काफी गुणवत्ताहीन सड़क का निर्माण जारी रखा गया।
इससे पहली ही बारिश में ही सड़क जगह-जगह से धस गई व दरारें पड़ गईं। अभी दो दिन पूर्व सरगवां के समीप सड़क किनारे कराए गए घटिया नाली निर्माण में गांव के दो बच्चे गिरकर गम्भीर रूप से घायल हो गए थे। इस मामले को लेकर रविवार को ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा और उन्होंने प्रतापपुर मार्ग को जाम कर दिया।
इस दौरान उधर से गुजर रहे सड़क विकास निगम (CGRDC) के सब इंजीनियर पीके श्रीवास्तव को ग्रामीणों ने रोक लिया। उन्हें बड़े अधिकारियों व ठेका कम्पनी के लोगों को बुलाने की मांग को लेकर बंधक बना लिया गया। काफी देर बाद प्रोजेक्ट इंजीनियर एमएस ध्रुव वहां पहुंचे तो उन्हें भी लोगों ने बंधक बना लिया।
काफी देर तक चर्चा चली लेकिन कोई हल नहीं निकलने पर जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता व जनपद सदस्य अजीत नायर द्वारा ग्रामीणों को समझाने पर किसी तरह मामला शांत हुआ। एसड़ीएम अजय त्रिपाठी भी मौके पर पहुंच गए थे, लेकिन ग्रामीण किसी की बात सुनने को तैयार नहीं थे। अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद किसी तरह मामला शांत हुआ।
महिलाओं ने अफसरों को पहनाईं चूडिय़ां, लगाई बिंदी सड़क विकास निगम (CGRDC) के दोनों अधिकारियों द्वारा लगातार ठेकेदार प्रकाश राय को फोन किया जा रहा था, लेकिन उसने फोन उठाने की बजाय बंद कर दिया। सड़क की मुख्य ठेका कंपनी गावर कंस्ट्रक्शन से जब चर्चा की गई तो उसने साफ कहा कि इसके लिए ठेकेदार प्रकाश राय जिम्मेदार हैं।
इससे गांव की महिलाएं काफी नाराज हुर्इं और अधिकारियों को कहा कि जब ठेकेदार आपकी नहीं सुनता है तो आपको घर में बिंदी व चूड़ी पहनकर बैठ जाना चाहिए। इसके बाद महिलाओं ने प्रोजेक्ट मैनेजर और सब इंजीनियर को जबरन चूडिय़ां पहनाईं तथा माथे पर बिंदी लगा दी। इस दौरान दोनों हाथ जोड़े उनके सामने खड़े रहे।
ग्रामीणों की नाराजगी देख डरे अधिकारी पहली बार ऐसा हो रहा है कि किसी गांव के ग्रामीण खुद ही सड़क निर्माण की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं, लेकिन अधिकारी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं।
दो दिन पूर्व ठेकेदार द्वारा मिट्टी का ढेर छोड़ दिया गया था, इससे वहां की नाली नहीं दिखाई देती है। आए दिन हो रहे हादसे से ग्रामीण इतने नाराज थे उनके रूख को देखते हुए अधिकारी भी काफी सहमे हुए थे।