ऐसे हुआ ठगी का शक
पैसा जमा कराने के बाद प्रोसेसिंस बताकर फ्रेंचाइजी देने में आनकानी की जाने लगी तो इंजीनियर शेखर घोष को शक हुआ. उसने कंपनी के वेबसाइट में दर्ज नंबर के माध्यम से लेंसकार्ट के अधिकारियों से बात की तो पता चला कि कंपनी द्वारा ऐसी फ्रेंचाइजी नहीं दी जा रही है और ना ही कंपनी ने किसी से भी पैसा जमा कराया है. ठगी का अहसास होने पर इंजीनियर शेखर घोष ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले में धारा 420 आईपीसी एवं 66 सी व 66 डी आईएनएफ के तहत अपराध दर्ज कर लिया है.
नामी कंपनियों की फर्जी वेबसाईट से हो रही ठगी
ऑनलाइन ठगी करने वालों ने नामी कंपनियों के नामों से मिलते जुलते नामों वाली वेबसाइट भी बना ली है. इसके माध्यम से वे ठगी को अंजाम दे रहे हैं. इसमें कम पढ़े लिखे लोगों के साथ खासे एजुकेटेड लोग भी ठगी के शिकार हो रहे हैं. सरगुजा अंचल में लगातार ऑनलाइन ठगी के मामले बढे हैं, जो पुलिस के लिए भी चिंता का कारण बने हुए हैं.