दीपलता के लेखन का यह क्रम अब भी अनवरत जारी है। कोरोना काल (Corona period) में निरंतर अपनी स्कूटी से अभिभावकों से मिलकर बच्चों की पढ़ाई के लिए उन्हें तैयार करती थी, इस तरह पालकों से संपर्क कर उन्होंने अपने मोहल्ला क्लास में 6 बच्चों से शुरूआत कर 140 बच्चों का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है।
दीपलता ने शिक्षा का दीप नाम से बालिकाओं और दिव्यांग छात्रों के लिए अपने निवास पर नि:शुल्क कोचिंग की व्यवस्था दी है जिसमें काफी बच्चे लाभान्वित हो रहे हंै। पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम के हमारे नायक कालम में छत्तीसगढ़ की पहली संस्कृत ब्लॉग लेखिका का गौरव प्राप्त करने वाली दीपलता ने बताया कि उन्हें डीईओ आईपी गुप्ता एवं समग्र शिक्षा संचालक सरगुजा रवि शंकर पाण्डेय का हमेशा प्रोत्साहन और मार्गदर्शन मिलता है।
पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम में हमारे नायक (Our hero) के रूप में चयनित होने पर प्रोत्साहित करने के लिए उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, समग्र शिक्षा छत्तीसगढ़ के सहायक संचालक डॉ. एम सुधीश सहित ब्लॉग लेखन समूह के लीडर सूरजपुर के नवाचारी शिक्षक गौतम शर्मा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की है।
धर्मानंद ने लिखी दीपलता की सफलता की कहानी
सरगुजिहा भाषा में कहानी लिखने वाली एवं अनुवाद करने वाली दीपलता देशमुख की सफलता की कहानी को ब्लॉग लेखक धर्मानंद गोजे, जिला सूरजपुर द्वारा लिखा गया है।
उनकी इस उपलब्धि हेतु जिला शिक्षा अधिकारी आईपी गुप्ता, समग्र शिक्षा सरगुजा के एपीसी रविशंकर पांडेय, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय असोला की प्राचार्य एम गौर सहित स्टाफ व परिजन ने बधाई दी है।