यह दोनों काफी दिन से बीमार थे। इन्हें इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहीं 1 माह पूर्व मृतका के ससुर की भी मौत खून की कमी और बुखार से हो गई थी।
बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के रामचंद्रपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत विमलापुर निवासी मनकुरी पण्डो पति फजिहत पण्डो 41 वर्ष काफी दिन से बीमार थी। उसके शरीर में मात्र 8 ग्राम खून बचा था। पंडो समाज के प्रदेश अध्यक्ष उदय पंडो की पहल पर 18 सितंबर को उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
यहां इलाज के दौरान मंगलवार की देर रात उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि वह एक सप्ताह से बुखार से पीडि़त थी। रुपए के अभाव में समय से इलाज नहीं करा सकी और घर में ही अंधविश्वास में पड़कर झाडफ़ूंक करा रही थी। वहीं केवरा भैयाथान सूरजपुर निवासी 50 वर्षीय धीरन पण्डो पिता हिरा लाल पण्डो की भी इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि वह 3 दिन पूर्व घर पर उल्टी-दस्त होने पर सबसे पहले भैयाथान सरकारी अस्पताल लाया गया था। यहां से सूरजपुर में इलाज चल रहा था। दो दिन पहले मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर में भर्ती कराया गया था। यहां इलाज के दौरान बुधवार की सुबह मौत हो गई।
एक बालक व दो महिलाएं अस्पताल में भर्ती
रामचंद्रपुर ब्लॉक के रकसाही घुटरा निवासी मानकुंवर पण्डो पति जुगेश्वर पण्डो उम्र 50 वर्ष को जिला अस्पताल बलरामपुर में भर्ती कराया गया है। वह गरीबी के कारण इलाज नहीं करा पा रही थी। वह 5 वर्षों से बिस्तर पर ही थी। वह घर में ही जड़ी बूटी से इलाज करा रही थी।
जानकारी होने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा उसे जांच के लिए जिला अस्पताल बलरामपुर में भर्ती कराया गया है। वहीं ग्राम पचावल निवासी 45 वर्षीय हलकनिया पण्डो को भी इलाज के लिए बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
रामचंद्रपुर ब्लॉक के सुंदरपुर निवासी 3 वर्षीय छोटू पंडो पिता रमेश पंडो को भी इलाज के लिए जिला अस्पताल बलरामपुर में भर्ती कराया गया है। 3 वर्ष की उम्र होने के बाद भी शारीरिक कमजोर होने के कारण ये बच्चा नहीं खड़ा हो पाता है।