सरगुजा जिले के परसा, केते व बासेन में कोल उत्खनन के लिए भारत सरकार द्वारा तय किए गए मापदंड को अनदेखा करते हुए कोल ब्लॉक आबंटित कर दिया गया है। इसे लेकर आरटीआई कार्यकर्ता दिनेश सोनी ने यूनियन ऑफ इंडिया व अन्य के खिलाफ जनहित याचिका अधिवक्ता प्रशांत भूषण व नेहा राठी के माध्यम से प्रस्तुत किया है।
याचिका में किया गया है अवैध उत्खनन का उल्लेख
याचिका में मुख्य रूप से अवैध तरीके से अडानी द्वारा परसा, केते व बासेन में किये जा रहे कोल उत्खनन को अवैध बताया है। याचिका में जिक्र किया गया है कि उपरोक्त खदान राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन कम्पनी लिमिटेड को आबंटित किया गया है। लेकिन मौके पर राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन कम्पनी द्वारा कार्य न कर पूरा कार्य अडानी द्वारा किया जा रहा है।
राजस्थान राज्य विद्युत व अडानी के बीच नहीं है कोई अनुबंध
याचिका में बताया गया है कि भारत सरकार वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी स्वीकृति आदेश दिनांक 21 दसंबर 2011 का खुले रूप से उल्लंघन किया जा रहा है।
अनुमति से अधिक क्षेत्र में किया जा रहा है उत्खनन
जनहित याचिका में अवैध तरीके से आबंटित भूमि से अधिक क्षेत्र में कोल उत्खनन करने का भी आरोप लगाया गया है। पूरे मामले में पुनर्वास नीति का पालन नहीं करने, प्रभावित क्षेत्र के लोगों को रोजगार उपलब्ध नहीं कराने, 10 एमटी से अधिक का उत्खनन करने, सीएसआर मद का गलत जगह खर्च करने का भी आरोप लगाया गया है।