कौलेश्वरी पण्डो पति धरमजीत पण्डो उम्र 25 वर्ष ग्राम पंचायत बोंगा गोविंदपुर की निवासी थी। वह गर्भवती थी। भरपेट भोजन व पौष्टिक आहार ना मिल पाने के कारण महिला के शरीर में खून की कमी हो गई थी। महिला को 5 मई को प्रसव के लिए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस समय महिला के शरीर में खून मात्र 3 ग्राम था। शरीर में खून की कमी रहने के कारण प्रसव के दौरान बच्चे की गर्भ में ही मौत हो गई थी।
गर्भ में ही रही बच्चों की मौत
पार्वती पण्डो पति सुदर्शन पण्डो ग्राम खर्रा भैयाथान ओडग़ी निवासी को 6 माह पहले प्रसव पीड़ा होने पर भैयाथान अस्पताल और जिला अस्पताल सूरजपुर से रेफर कर मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई थी।
अधिकारियों को बताई गई है खून की कमी की समस्या
गर्भवती महिलाओं (Pregnant women) में खून की कमी के कारण जच्चा-बच्चा की मौत होने की जानकारी सर्व विशेष पिछड़ी जनजाति समाज कल्यण समिति छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष उदय पंडो द्वारा संभाग आयुक्त व संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं अधिकारी को लिखित रूप से दी जा चुकी है। इसके बावजूद भी इस ओर कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है।
इन सारी सुविधाओं के बावजूद भी खून की कमी
जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के नि: शुल्क सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। नि:शुल्क खून जांच एवं स्वास्थ्य परीक्षण, खून बढऩे की दवाइयां, नियमित ब्लड प्रेशर जांच, टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं की वजन करना, गर्भवती महिलाओं के शरीर में पौष्टिक तत्व पूर्ण करने के लिए विभिन्न प्रकार के पौष्टिक आहार दिए जाते हैं।
खून की कमी जैसी कोई बात नहीं
महिलाओं में खून की कमी जैसी ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है। मैने कई क्षेत्रों में भ्रमण भी किया है। रही बात अगर कोई समय पर अस्पताल नहीं पहुंचता है तो इसमें क्या किया जा सकता है। लोग ३ ग्राम हिमोग्लोबिन में अस्पताल पहुंचते हैं। स्वास्थ्य विभाग का काम आयरन की गोली बांटना है, जो दिया गया है।
डॉ. पीएस सिसोदिया, संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं