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‘बच्चों की पढ़ाई की चिंता है तो जल्द हमारी मांगें पूरी करे सरकार’

locationअंबिकापुरPublished: Jul 27, 2022 08:07:47 pm

34 प्रतिशत महंगाई भत्ता एवं सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता की 2 सूत्रीय मांग को लेकर छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन, शालेय शिक्षक संघ द्वारा संयुक्त रुप से स्वतंत्र बैनर तले 25 जुलाई से अनिश्चितकालीन आंदोलन का आगाज किया जा चुका है। बुधवार को हड़ताल के तृतीय दिवस 27 जुलाई को जिला स्तरीय रैली निकालकर मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के नाम सरगुजा कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।

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‘बच्चों की पढ़ाई की चिंता है तो जल्द हमारी मांगें पूरी करे सरकार’

अम्बिकापुर। 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता एवं सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता की 2 सूत्रीय मांग को लेकर छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन, शालेय शिक्षक संघ द्वारा संयुक्त रुप से स्वतंत्र बैनर तले 25 जुलाई से अनिश्चितकालीन आंदोलन का आगाज किया जा चुका है। बुधवार को हड़ताल के तृतीय दिवस 27 जुलाई को जिला स्तरीय रैली निकालकर मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के नाम सरगुजा कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन सौंपने के पूर्व संगठन के पदाधिकारियों द्वारा होलीक्रॉस आशा निकुंज विद्यालय में निशक्त बच्चों को खेल सामग्री एवं अन्य आवश्यक वस्तुएं वितरित की गईं। इस दौरान टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह ने बताया कि संयुक्त नेतृत्व व सामूहिक भूमिका के साथ अपनी 2 सूत्रीय मांगों को लेकर हम हड़ताल हैं। कर्मचारी हितों की अनदेखी राज्य सरकार द्वारा निरन्तर जारी है। हम अपने अधिकार की मांग के लिए हड़ताल पर है।
अनिश्चितकालीन हड़ताल लुंड्रा विकासखण्ड में रणबीर सिंह चौहान, उदयपुर में लखन राजवाड़े, सीतापुर में सुशील मिश्रा, बतौली में जवाहर खलखो, अम्बिकापुर में अमित सोनी, मैनपाट में रमेश यागिक व लखनपुर में राकेश पांडेय के नेतृत्व में चल रहा है। ज्ञापन सौंपने के दौरान प्रांतीय उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह, जिलाध्यक्ष मनोज वर्मा, प्रदीप रॉय, अमित सोनी, संजय चौबे, करन सिंह जोगी, काजेश घोष, कंचनलता श्रीवास्तव, नीतू सिंह, अमित सोनी, राजेश सिंह, राकेश दुबे व अन्य शिक्षक उपस्थित थे।

स्वस्फूर्त बंद हैं शैक्षणिक संस्थान
जिलाध्यक्ष मनोज वर्मा ने बताया कि सरगुजा के सभी स्कूलों में तालाबंदी की स्थिति है। सभी ब्लॉकों में शिक्षक एकजुट होकर अनिश्चितकालीन हड़ताल का आगाज किए हैं। हम सरकार से मांग करते हैं कि उन्हें अगर बच्चों की पढ़ाई की चिंता है तो जल्द हमारी मांगें पूरी करे। हमने सरकार के पास बार बार आवेदन निवेदन किया । लेकिन सरकार के कानों में जूं तक नही रेंगी। छत्तीसगढ़ में कम डीए के कारण प्रत्येक शिक्षक को पांच हजार से लेकर दस हजार महीने का नुकसान हो रहा है। गौरतलब है कि सरगुजा में समस्त शैक्षिणक संस्थाओं सहित समस्त शासकीय कार्यालय स्वस्फूर्त बंद हैं।
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