scriptबाइक से घर लौट रहे युवा उप सरपंच व बंग समाज के सचिव की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत | Road accident: Young upsarpanch death in road accident | Patrika News

बाइक से घर लौट रहे युवा उप सरपंच व बंग समाज के सचिव की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत

locationअंबिकापुरPublished: Dec 21, 2020 08:50:42 pm

Road accident: सामने से तेज रफ्तार (Speed) में आ रही वैन से हुई जबरदस्त टक्कर, वैन की एक लाइट खराब होने के कारण असमंजस में हुआ हादसा (Accident)

बाइक से घर लौट रहे युवा उप सरपंच व बंग समाज के सचिव की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत

Siddharth day

अंबिकापुर. शहर से लगे ग्राम चठिरमा के युवा उप सरपंच व बंग समाज के जिला सचिव की रविवार की देर शाम सड़क दुर्घटना (Road accident) में मौत हो गई। वह भगवानपुर स्थित मधुर मिलन होटल में सामाजिक बैठक में शामिल होकर बाइक से घर लौट रहा था। इसी दौरान वैन से आमने-सामने भिड़ंत हो गई। युवा उपसरपंच की मौत (Upsarpanch death) से क्षेत्र में शोक का माहौल है।

अंबिकापुर-बनारस मार्ग पर शहर से लगे ग्राम चठिरमा निवासी वर्षीय सिद्धार्थ डे 27 वर्ष चठिरमा पंचायत का उप सरपंच तथा बंग समाज का जिला सचिव (Bang society secretary) था। रविवार को बंग समाज की बैठक में शामिल होने भगवानपुर स्थित मधुर मिलन होटल में आया था। बैठक संपन्न होने के बाद वह बाइक से अपने घर लौट रहा था।
शाम करीब 7.30 बजे जैसे ही चठिरमा मिडिल स्कूल के पास पहुंचा सामने से एक वैन आ रही थी। जिसका एक हेडलाइट खराब था। हेडलाइट खराब होने के कारण उप सरपंच समझ नहीं सका और वैन से भिड़ंत हो गई। टक्कर जोरदार होने के कारण उप सरपंच हवा में उछलते हुए पीछे से आ रही कार के ऊपर गिरते हुए जमीन पर गिर गया।
इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। सूचना पर परिजन मौके पर पहुंचे और उसे इलाज के लिए शहर के एक निजी अस्पताल ले गए। यहां चिकित्सकों ने स्थिति को गंभीर देखते हुए मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया। यहां चिकित्सकों ने जांच के दौरान मृत (Death) घोषित कर दिया।

परिजन सदमे में, बंग समाज में शोक का माहौल
सिद्धार्थ डे की मौत की घटना से परिवार स समाज में दुख व्याप्त है। सिद्धार्थ गांव का उप सरपंच होने के साथ साथ बंग समाज का जिला सचिव भी था। वह समाज के हर कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता था और गांव का उप सरपंच होने के नाते लोगों की समस्याओं का निराकरण कराने के प्रति भी विशेष ध्यान रखता था।

मुक्तांजलि के लिए करना पड़ा इंतजार
शव का पीएम कराने के बाद समय पर मुक्तांजलि वाहन नहीं मिला। चिकित्सकों द्वारा समय पर तो पीएम करा दिया गया पर शव घर ले जाने के लिए परिजन को एक घंटे से ज्यादा इंतजार करना पड़ा। मरच्यूरी के बाहर शव रखकर इंतजार करते रहे। वहीं बताया जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मुक्तांजलि वाहन की कमी है।
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