सड़क हादसों (Road Accidents) को रोकने में अहम कड़ी माने जाने वाले आरटीओ अधिकारी ही जमकर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। चढ़ावा मिलते ही आरटीओ अधिकारी द्वारा कंडम वाहनों का भी फिटनेस सर्टिफिकेट बड़ी ही आसानी से जारी कर दिया जा रहा है। इससे हो यह रहा है कि कागजों पर तो हर गाड़ी फिट है, लेकिन सड़क पर आधे वाहन भी इसका पालन नहीं करते हैं।
हालत यह है कि ऐसी बसें धड़ल्ले से सवारी ढो रहीं हैं जिनकी हालत खस्ताहाल हो चुकी है। मालवाहक वाहनों का भी यही हाल है। जिले में 20 हजार से ज्यादा मालवाहक पंजीकृत हैं। इसमें स्कूल बस व वैन अलग हैं। पत्रिका की टीम जब आरटीओ कार्यालय पहुंची तो कार्यालय के पीछे कई कॉमर्शियल वाहन खड़े थे।
जिनका लाइट व पीछे नंबर तक नहीं थे। देखने में वाहन एक तरह से कंडम लग रहे थे, इसके बावजूद भी आरटीओ अधिकारी ने बिना जांच पड़ताल के बड़े ही आसानी से फिटनेस सर्टिफिकेट जारी कर दिया ।
सेटिंग के लिए खुद अपने दफ्तर में एजेंटों से डील करते हैं आरटीओ अधिकारी, मिलता है मोटा कमीशन
फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए आरटीओ अधिकारी को चाहिए 1 हजारआरटीओ कार्यालय का सारा काम एजेंटों के माध्यम से होता है। इसके लिए एजेंट वाहन मालिकों से हर काम के लिए ज्यादा रुपए वसूलते हैं। वहीं आरटीओ अधिकारी भी इस काम में पूरी तरह से संलिप्त हैं।
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक एजेंट ने बताया कि हम लोग वाहन मालिक से ज्यादा रुपए नहीं लेंगे तो काम ही नहीं हो पाएगा, आरटीओ अधिकारी फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के लिए हर फाइल पर एक हजार रुपए की मांग करते हैं।
वहीं बाबू को भी हर फाइल पर 500 रुपए देना पड़ता है। अगर रुपए दे देते हैं तो जो काम नहीं होने वाला है वह भी बड़ी आसानी से कर दिया जाता है।
यहां के आरटीओ ऑफिस में एजेंटों के बिना नहीं बनते लाइसेंस, ज्यादा रुपए खर्च करने पर बनते हैं दूसरे राज्य के लोगों के भी
रिफ्लेक्टर टेप में भी गोरखधंधाक्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में फिटनेस के दौरान नकली और अवैध ढंग से रिफ्लेक्टर टेप लगाने का गोरखधंधा चल रहा है। सीटी टेप वाहन के सामने सफेद बंपर में लगाना होता है। भारी वाहन के पीछे लाल व बगल में पीला सभी कॉमर्शियल वाहनों में लगाना जरूरी है। इसमें क्यूआर कोड उपयोग नहीं किया जा रहा है।
जबकि 9 व 10 टन की गाडिय़ों में सी-3 व सी 4 का उपयोग किया जाना होता है। इसके बावजूद सीटी टेप का ही उपयोग भारी वाहनों में भी किया जा रहा है।
एजेंट्स के बारे में ऑफिस में करेंगे बात
वाहनों की पूरी जांच कर ही उनका फिटनेस जारी किया जाता है। कोई भी वाहन कंडम दिखता है तो उसे अनफिट घोषित किया जाता है। रिफ्लेक्टर टेप में भी किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं है। कई एजेंसियां काम कर रहीं हंै। एजेंट्स के मामले में जो पूछना हो ऑफिस में आकर बात कीजिएगा।
सीएल देवांगन, आरटीओ अधिकारी
By- Pranay Raj Singh Rana