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शिक्षा व्यवस्था की बदहाली बयां कर रहे जर्जर स्कूल भवन, संकट के बीच पढ़ाई कर रहे नौनिहाल

locationअंबिकापुरPublished: Oct 24, 2021 06:42:48 pm

Shabby School buildings: शिक्षा के नाम पर जारी होता है करोड़ों रुपए का फंड (Fund) इसके बावजूद व्यवस्था है बदहाल, कहीं किचन में क्लास लग रहा तो कहीं पंचायत भवन (Panchayat bhavan) में, इसके अलावा जर्जर भवन में भी शिक्षा ग्रहण करने को विवश हैं नौनिहाल

Shabby school bhavan

Shabby school buildings

अंबिकापुर. सरगुजा स्कूल शिक्षा मंत्री (School Education Minister) का गृह क्षेत्र होने के बावजूद यहां शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है। स्कूल भवनों की स्थिति काफी जर्जर है। इस स्थिति में नौनिहाल कहीं जर्जर स्कूल में पढऩे को मजबूर हैं तो कहीं किचन शेड व पंचायत भवनों में स्कूल जैसे-तैसे संचालित हो रहे हैं।
जबकि शिक्षा व्यवस्था के नाम पर हर वर्ष शासन द्वारा करोड़ों रुपए फंड जारी किया जाता है। इसके बावजूद भी जिले की शिक्षा व्यवस्था काफी बदहाल है। बच्चों को अपना भविष्य गढऩे के लिए जान की बाजी लगानी पड़ रही है।

गौरतलब है कि सरगुजा जिले में स्कूल व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है। कई स्कूल काफी जर्जर अवस्था में हंै जहां बच्चों को बैठाकर पढ़ाना खतरे से खाली नहीं है। जिला मुख्यालय अंबिकापुर से लगे ग्राम पंचायत दरिमा से लगे ग्राम सखौली का प्राथमिक स्कूल भवन काफी जर्जर हो चुका है।
जर्जर भवन में बच्चों को पढ़ाना काफी मुश्किल है। इस स्थिति में शिक्षक 72 बच्चों के साथ एक छोटे से किचन में तालीम दे रहे हैं। नौनिहाल किचन के धुएं के बीच ही पढ़ाई कर एक अच्छे इंसान बनने की कोशिश में लगे हुए हैं।
72 बच्चों को एक छोटे से किचन में बैठाकर पढ़ाना कितना मुश्किल होगा इसका अंदाजा अब खुद ही लगा सकते हैं। इस तरह का मामला ग्राम पंचायत सखौली का ही नहीं बल्कि मोहनपुर, रेवापुर सहित अन्य स्थानों की स्थिति इससे भी बदतर है।
Shabby school buildings
IMAGE CREDIT: School
रोज शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते
जिले में शिक्षा व्यवस्था का इतना बुरा हाल है कि बच्चे हर दिन शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते हैं। ग्राम पंचायत सखौली में छोटे से किचन शेड मैं 72 बच्चों को पढ़ाना बहुत ही मुश्किल काम है।
इस स्थिति में शिक्षक द्वारा एक-एक दिन करके पांचों कक्षाओं का संचालन किया जाता है। ऐसी शिक्षा व्यवस्था से बच्चे किस तरह पढ़ेंगे और आगे बढ़ेंगे।

मोहनपुर में एक कमरे में लग रहा स्कूल
मोहनपुर प्राथमिक स्कूल भी काफी जर्जर हो चुका है। स्कूल भवन पूरी तरह से खस्ताहाल है। मोहनपुर प्राथमिक स्कूल के बच्चों को पढ़ाने के लिए मोहनपुर हाई स्कूल भवन में व्यवस्था की गई है। यहां एक कमरे में पांचों कक्षाएं संचालित की जाती है।
इसी से लगा हुआ ग्राम रेवापुर प्राथमिक स्कूल जहां 6 सालों से स्कूल भवन जर्जर है और कक्षाएं पंचायत भवन में लगाई जा रही है। वहीं जब पंचायत भवन में सभा का आयोजन किया जाता है तो ऐसी स्थिति में स्कूल की छुट्टी कर दी जाती है। ऐसी दुव्र्यवस्था के बीच बच्चे क्या तालीम हासिल करेंगे इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं।

जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान
जर्जर स्कूल भवन की मरम्मत कराने की मांग स्थानीय ग्रामीण व शिक्षक कई बार जनप्रतिनिधियों के साथ ही शिक्षा अधिकारी से कर चुके हैं। इसके बावजूद भी शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए भवन मरम्मत के प्रति कोई रुचि नहीं दिखाई जा रही है। जबकि सरगुजा शिक्षा मंत्री का गृह क्षेत्र है।

स्थिति से शासन को करा दिया गया है अवगत
मुझे मालूम है स्कूल भवन जर्जर हंै और पंचायत भवन, किचन शेड में संचालित हो रहे हैं। जर्जर स्कूल भवनों की स्थिति से शासन को अवगत करा दिया गया है।
संजय गुहे, जिला शिक्षा अधिकारी, सरगुजा
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