उसने 14 अप्रैल की सुबह पिता को कॉल किया और कहा- पापा, मैं जज बन गया। यह सुनते ही विधायक भावुक हो उठे। उन्होंने बेटे को ढेर सारी बधाइयां दीं और कहा कि जीवन में खूब आगे बढ़ो लेकिन उन लोगों को कभी मत भूलना जो बचपन से अब तक तुम्हारे साथ रहे। खास बात यह रही कि आशीष अपने पहले ही प्रयास में जज बन गए।
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा सिविल जज के 25 पदों के लए 25 जून 2017 को ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की गई थी। इसमें 272 अभ्यथी चयनित हुए थे। इसके बाद इसी वर्ष 11 फरवरी को मुख्य परीक्षा आयोजित की गई। इसमें मेरिट के आधार पर 83 अभ्यर्थी सलेक्ट हुए। इसके बाद 10 से 13 फरवरी तक अभ्यर्थियों का इंटरव्यू हुआ।
इंटरव्यू के बाद आयोग द्वारा शाम को ही 25 चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी कर दी गई। इस सूची में सीतापुर विधानसभा से कांग्रेसी विधायक अमरजीत भगत के मझले बेटे आशीष भगत का भी नाम था। सूची में अपना नाम देख पहले तो आशीष खुशी से उछल पड़ा। उसने अपने दोस्तों को भी ये खुशखबरी दी।
शनिवार की सुबह उसने अपने पिता को कॉल किया और कहा कि पापा मैं जज बन गया। यह सुनते ही विधायक खुशी से भावुक हो उठे।
राजनीति में नहीं थी रूची
विधायक का कहना है कि घर में राजनीतिक माहौल रहने के बावजूद आशीष की रूची कभी भी राजनीति में नहीं रही। जब भी राजनीति की बात होती थी तो वहां से उठकर चला जाता था। आशीष ने अंबिकापुर में अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी करने के बाद पुणे में बीकॉम किया। इसके बाद क्लेट के माध्यम से एलएलएम करते हुए पहली बार सिविल जज की परीक्षा दी थी।
राजनीति में नहीं थी रूची
विधायक का कहना है कि घर में राजनीतिक माहौल रहने के बावजूद आशीष की रूची कभी भी राजनीति में नहीं रही। जब भी राजनीति की बात होती थी तो वहां से उठकर चला जाता था। आशीष ने अंबिकापुर में अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी करने के बाद पुणे में बीकॉम किया। इसके बाद क्लेट के माध्यम से एलएलएम करते हुए पहली बार सिविल जज की परीक्षा दी थी।