इनमें डॉक्टर, नर्स, लैब टेक्नीशियन समेत अन्य कर्मचारी शामिल हैं। संविदा कर्मी सीएमएचओ कार्यालय के बाहर बैनर पोस्टर लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। वही संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कोरोना संकट काल को लेकर स्वास्थ्य कर्मचारियों की अहम भूमिका के प्रति मार्मिक अपील भी किसी काम नहीं आई है।
कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से पूरे जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराने की बात सामने आ रही है। हालांकि सीएमएचओ पीएस सिसोदिया का कहना है कि कोई विशेष फर्क नहीं पड़ा है। हर काम समय वह प्रतिदिन की तरह ही हुए हैं।
सरगुजा में 1600 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज पाए जा चुके हैं। वही मौत की आंकड़ा भी दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इस बीच संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर बुरा असर पड़ा है। शनिवार को एनएचएम कर्मचारी संघ के बैनर तले संविदा कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं।
कर्मचारियों का कहना था कि वह इस दौर में अपनी जान दे रहे हैं, लेकिन सरकार कोई चिंता नहीं है। हमें भी लोगों से सहानुभूति है, लेकिन हमारे भी परिवार हैं। उनकी चिंता भी हमें ही करनी है। स्वास्थ्य कर्मचारियों ने सीएमएचओ कार्यालय के बाहर काफी संख्या में एकत्रित होकर सरकार से नियमितीकरण की मांग की।
कर्मचारियों ने बैनर पोस्टर लेकर सरकार द्वारा चुनाव के समय की गई घोषणा को पूरा करने की मांग की है। कर्मचारियों ने आज करो, अभी करो नियमितीकरण, तत्काल करो नारों के साथ सरकार से नियमितीकरण की अपील की। एनएचएम कर्मचारी संघ की ओर से कहा गया कि 15 सालों से हम सभी छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने में लगे हैं।
बावजूद हमारा नियमितीकरण नहीं किया गया। इसको लेकर बार-बार मांग करते रहे। वर्तमान सरकार ने भी अपने घोषणा पत्र में इसे शामिल किया था, लेकिन कोई सकारात्मक रूख अभी तक नहीं दिखाई दिया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने मार्मिक अपील की थी
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने सोशल मीडिया पर मार्मिक अपील की थी। इसके बावजूद भी संविदा कर्मचारी अपनी मांगों के प्रति अडिग रहे। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है था कि स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मियों से निवेदन करना चाहता हूं।
आज जब हम कोविड के संक्रमण से जूझ रहे हैं और गंभीर स्थिति में छत्तीसगढ़ है, मुझे लगता है कि यह समय नहीं था हड़ताल में जाने का। आपकी बातें हैं, आपकी मांगें हैं, स्वभाविक है वो आपको लगेगा, यह जायज है।
लोगों की तकलीफों को इतना न बढ़ाएं
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि हम लोगों ने भी घोषणा पत्र में छत्तीसगढ़ के सभी विभागों में काम करने वाले दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, संविदा कर्मचारियों के संबंध में उल्लेख किया है और उस बात को छोड़ा नहीं है। यह समय नहीं है लोगों के स्वास्थ्य और लोगों की जान से हम एक तरह से समझौता करें, उनकी तकलीफों को इतना बढ़ाएं कि हमारे प्रति उनकी संवेदना न रह जाए।
कई काम हुए प्रभावित
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी नियमित कर्मचारी की तरह अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसमें डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन, स्टाफ नर्स, डाटा ऑपरेटर सहित स्वास्थ्य संबंधी कई काम इनके भरोसे है। इनके हड़ताल पर चले जाने से कई काम प्रभावित हुए हैं। विशेषकर कोरोना संकट काल में भी इनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। हड़ताल पर जाने से कोरोना सैंपलिंग, रिपोर्टिंग का काम प्रभावित हुआ है। इन कामों का सारा भार नियमित कर्मचारियों पर आ गया है।
हड़ताल पर जाना उचित नहीं
सीएमएचओ पीएस सिसोदिया ने बताया कि हड़ताल के संबंध में लिखित में जानकारी मिली है पर किसी व्यक्ति या संगठन के नाम से नहीं है। कोरोना संकट की घड़ी में हड़ताल पर जाना उचित समय नहीं है।
अभी लोगों की जान बचाने व कोरोना से बचने का समय है। वहीं उन्होंने बताया कि शनिवार होने के कारण इसका असर नहीं दिखा है। द्वितीय शनिवाहर होने के कारण काम पर कोई असर नहीं पड़ा है। पूर्व की तरह है सैंपलिंग सहित अन्य काम हुए हैं।