आज भी व्यवस्था जस ककी तस है। हाल में जो मामला सामने आ रहा है वह ओडग़ी ब्लॉक के ग्राम सपहा के प्राथमिक व मिडिल स्कूल का है। यहां पिछले दस दिनों से बच्चों को मध्यान्ह भोजन नही दिया जा रहा है। गरीबों के बच्चे प्रतिदिन मध्यान्ह भोजन की उम्मीद में स्कूल तो आते है पर उन्हें खाली पेट वापस जाना पड़ता है। बताया जा रहा है कि यहां चावल ही नही पहुंचा है। विद्यालय के प्रधान पाठक रामसूरत जायसवाल ने बताया कि 23 जुलाई से मध्यान्ह भोजन बंद है। एमडीएम का चावल नही मिला है। मैने बीईओ को लिखित व मौखिक सूचना दे दी है। खाद्य विभाग के अधिकारियों को भी जानकारी दे दी गई है पर अब तक चावल नही मिला है। कोई पहल नही होने से मध्यान्ह भोजन से बच्चे वंचित हैं।
शिक्षक की भी कमी
वहीं इस विद्यालय में करीब 84 बच्चों की दर्ज संख्या है। इस पर केवल एक शिक्षक पदस्थ है। अगर उक्त एक शिक्षक किसी कारण या ऑफिशियल वर्क से विद्यालय नही गए तो फिर स्कूल की छुट्टी। कई बार ध्यानाकर्षण किया गया पर किसे फुर्सत है इन स्कूलों की ओर ध्यान देने की। जिले में बैठे अफसर कभी तफरीह करने इलाके में चले गए तो ठीक वरना जिला मुख्यालय में बैठ कर सब ठीक ठाक होने का दावा ही तो करना है।
विनोद राय, जिला शिक्षा अधिकार