किसानों का कहना है कि अगर ट्रक में गन्ना आया है तो एक दिन लाइन में खड़े होने पर प्रति दिन के हिसाब से ट्रक मालिकों को 1 हजार रुपए अधिक देना पड़ रहा है। इस तरह अगर किसी किसान ने एक एकड़ में भी गन्ना की खेती की है तो 5 ट्राली गन्ना होने पर उसे इस अव्यवस्था की वजह से 12 हजार से अधिक का नुकसान हो रहा है।
टोकन के लिए किसान लगा रहे चक्कर
राजपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम धंधापुर निवासी अनंत यादव ने बताया कि वे पिछले 2 माह से गन्ना का पर्ची पाने के लिए परेशान हैं। कई बार फैक्ट्री आ चुके तथा कर्मचारियों से बात कर चुके हैं, लेकिन कैलेंडर के हिसाब से कारखाना में पर्ची जारी नहीं हो रहा, इसके कारण अव्यस्था है।
11 हजार से अधिक किसान हैं पंजीकृत
शक्कर कारखाना में 11 हजार से अधिक किसान हैं और किसानों के हित के लिए संचालक मंडल बना हैं लेकिन कारखाना राजनीति का अखाडा बन गया है, ऐसे में किसानों के हित पर कोई ध्यान नहीं दिए जाने से किसानों में गुस्सा है। किसानों का कहना है कि कारखाना आने पर कर्मचारी उनसे सही तरीके से बात नहीं करते, जबकि उनके द्वारा इस कारखाना को स्थापित करने के लिए अंशदान किया गया है।
बिना पर्ची वाले किसान भी गन्ना लेकर आ रहे फैक्टरी
गन्ना किसानों को समय पर पर्ची दी जा रही है। कुछ ऐसे किसान हैं जो बिना पर्ची जारी हुए या पर्ची की समय सीमा खत्म होने पर गन्ना लेकर फैक्टरी पहुंच रहे हैं। ऐसी स्थिति में किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। नियम के तहत आने वाले किसानों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो रही है।
विद्या सागर सिंह, शक्कर कारखाना अध्यक्ष