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पुलिस हिरासत से भागकर आत्महत्या : भाजयुमो ने सड़क पर शव रखकर मांगा 50 लाख मुआवजा, 2 घंटे बनारस मार्ग जाम

Suicide in police custody : पोस्टमार्टम के बाद परिजन घर ले जा रहे थे शव लेकिन भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने रास्ते में रोक कर सड़क पर किया प्रदर्शन

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Suicide in police custody

Road blockade

अंबिकापुर. पुलिस हिरासत से भागकर चोरी के अभियुक्त द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या (Suicide in police custody) के मामले ने तूल पकड़ लिया है। पीएम पश्चात युवक के परिजन शव लेकर घर जा रहे थे, इसी बीच भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने उन्हें बीच रास्ते से वापस बुला लिया, फिर उन्होंने बनारस मार्ग पर शव रखकर पुलिस विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

उन्होंने शव (Suicide in police custody) का फिर से पीएम कराने, मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपए मुआवजा या नौकरी सहित अन्य मांगों को लेकर करीब 2 घंटे तक चक्काजाम कर दिया। इस दौरान मृतक की पत्नी, माता-पिता, भाई-बहन व ग्रामीण भी मौजूद रहे।

बाद में एसडीएम द्वारा तात्कालिक सहायता राशि के रूप में 50 हजार रुपए दिए जाने के बाद आंदोलन समाप्त हुआ। गौरतलब है कि इस मामले में आईजी ने टीआई, 2 एसआई समेत 5 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।

गौरतलब है कि 13 लाख रुपए चोरी के आरोप में पुलिस ने भटगांव थानांतर्गत ग्राम सलका-अधिना निवासी पंकज बेक पिता अमीरसाय 30 वर्ष को रविवार की दोपहर हिरासत (Suicide in police custody) में लिया था। रात में वह साइबर सेल स्थित हिरासत से भाग निकला था और डॉ. परमार के हॉस्पिटल के विंडो कूलर में पाइप के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

मामले में मजिस्ट्रेट्स की उपस्थिति में शव का पीएम (Suicide in police custody) कराकर परिजनों को सौंप दिया गया था। परिजन शव लेकर लटोरी पहुंच चुके थे। इसी बीच भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष भारत सिंह सिसोदिया व भाजयुमो जिलाध्यक्ष निश्चल प्रताप सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने अस्पताल पहुंचकर पहले हंगामा किया फिर शव को वापस भगवानपुर तक मंगाया।

इसके बाद बनारस मार्ग (Banaras road jammed) पर शव रखकर उन्होंने पुलिस विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने पुलिस द्वारा हिरासत में उससे काफी मारपीट करने का आरोप लगाते हुए फिर से शव का पीएम कराने की मांग की। इस दौरान सरगुजा के प्रभारी एसपी टीआर कोशिमा, सूरजपुर एसपी जीएस जायसवाल समेत दोनों जिले के पुलिस बल की मौजूदगी रही।

50 लाख मुआवजे की मांग
भाजपाइयों (BJP) ने मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपए मुआवजा या नौकरी देने की मांग की। इसके अलावा न्यायिक जांच करने, दोषी पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित करने की भी मांग की। इस पर एसडीएम ने तात्कालिक सहायता राशि के रूप में मृतक के परिजनों को 50 हजार रुपए प्रदान किए।

वहीं सरगुजा के प्रभारी एसपी व सूरजपुर एसपी ने आंदोलनकारियों से कहा कि शव का पीएम न्यायिक मजिस्ट्रेट्स की उपस्थिति में किया गया है, इसलिए शंका का कोई सवाल ही नहीं है। इसके बाद उन्होंने आंदोलन समाप्त कर दिया।

दो बच्चों के सिर से उठा पिता का साया
आंदोलन समाप्त होने के बाद परिजन शव को गृहग्राम ले गए। यहां गमगीन माहौल में शाम को उसका अंतिम संस्कार (Funeral) किया गया। मृतक के परिवार में उसके माता-पिता व छोटे भाई-बहन के अलावा पत्नी व 2 बच्चे भी हैं।

आंदोलन के दौरान सभी मौके पर मौजूद थे। इस दौरान पत्नी शव से लिपटकर बिलखती रही। पति की मौत से वह जहां सदमे में है वहीं मासूम पुत्र-पुत्री के सिर से पिता का साया उठ गया है।


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