प्रार्थियों की न तो नौकरी लगी और न ही रुपए वापस किए गए, तब उन्होंने इसकी रिपोर्ट दरिमा थाने में दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
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दरिमा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कुम्हरता निवासी पृथ्वीराज Singh पिता रामलाल Singh व उसके भाई तपेश्वर ने वर्ष 2015 में जेल प्रहरी के पद के लिए आवेदन किया था।
इसकी पहचान पूर्व से ही अंबिकापुर सत्तीपारा निवासी प्रेमचंद लकड़ा पिता शीबू लकड़ा से थी। प्रेमचंद जिला पंचायत कार्यालय में चालक के पद पर पदस्थ है। प्रेमचंद ने पृथ्वीराज Singh सेे कहा कि मेरी पहचान अधिकारियों से है। तुम दोनों भाइयों की जेल प्रहरी (Jail guard) के पद पर नौकरी लगवा दूंगा।
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इसके लिए 5 लाख रुपए खर्च पड़ेगा। नौकरी के लालच (Greed of job) में दोनों भाइयों ने जमीन व कर्ज लेकर प्रेमचंद को ३ लाख २० हजार रुपए एडवांस के रूप में दे दिया। शेष रकम नौकरी लगने के बाद देने की बात हुई थी।
6 साल बीतने के बाद भी न नौकरी लगी और न रुपए मिले
रुपए देने के 6 साल बीतने के बाद भी न तो नौकरी लगी न ही रुपए वापस किए गए। पथ्वीराज ने इसकी रिपोर्ट दरिमा थाने में दर्ज कराई है। पुलिस ने आरोपी प्रेमचंद के खिलाफ अपराध दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।