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नेशनल गेम में बॉल लगने से चली गई टेनिस खिलाड़ी की आंख की रोशनी, कलक्टर ने की मदद

locationअंबिकापुरPublished: Dec 07, 2021 07:14:21 pm

Tenis Player: 65वीं राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता के दौरान बॉल से आंख में लग गई थी चोट, धीरे-धीरे कम दिखने लगा और इलाज के अभाव में एक आंख की रोशनी चली (Eye sight lost) गई, खिलाड़ी ने अपने परिजनों के साथ जनदर्शन में पहुंचकर कलक्टर से लगाई गुहार, कलक्टर ने तत्काल की मदद

Tenis player

Tenis player Ajit Kujoor in Collector Jandarshan

अंबिकापुर. Tenis Player: वर्ष 2020 में आयोजित 65वीं राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में सरगुजा जिले के एक होनहार लॉन टेनिस खिलाड़ी अजीत कुजूर की आंख में बॉल से चोट लग गई थी। यह चोट खिलाड़ी के लिए अभिशाप साबित हुआ। धीरे-धीरे आंख से कम दिखने लगा और इलाज के अभाव में उसकी एक आंख की रोशनी चली गई। खेल के क्षेत्र में कुछ कर दिखाने का जज्बा लिए अजीत का खेल भी बंद हो गया। ऐसे में उसने कलक्टर (Collector) से गुहार लगाई कि उसका इलाज हो सके। कलक्टर ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए उसके इलाज की व्यवस्था करने सीएमएचओ को निर्देशित किया। अब अजीत की आंख के इलाज का पूरा खर्च प्रशासन उठाएगा। दरअसल कलक्टर संजीव कुमार झा एवं एसपी अमित तुकाराम कांबले ने मंगलवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित जनदर्शन में लोगों की समस्याएं सुनीं। इस दौरान अजीत ने भी जनदर्शन में पहुंचकर अपनी व्यथा सुनाई।

जनदर्शन में कलेक्टर ने राष्ट्रीय स्तर के टेनिस बाल खिलाड़ी अजीत कुजूर की समस्या पर संवेदनशीलता का परिचय देते हुए उसकी आंख का इलाज सीएसआर मद से करने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिए। उन्होंने सीएमएचओ को तत्काल अजीत को अस्पताल में चिकित्सकों से परीक्षण कराने तथा उच्च इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
गौरतलब है कि सीतापुर विकासखंड के ग्राम सूर खजूरपारा निवासी अजीत कुजूर ने बताया कि वह 2015 से 2020 तक 61वीं से लेकर 65वां राष्ट्रीय खेल में लॉन टेनिस में प्रतिभागी रहा एवं चयन हेतु प्रयासरत रहा।
65वां राष्ट्रीय खेल के दौरान टेनिस बॉल आंख में लगने के कारण एक आंख की रोशनी धीरे-धीरे कम होती गई और बाद में पूरी तरह से उसकी आंख की रोशनी चली गई। उच्च चिकित्सा संस्थानों में आंख के इलाज के लिए अधिक राशि की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। वह खेल के क्षेत्र में कुछ करना चाहता है कि लेकिन नहीं दिखने की वजह से उसकी मंशा अभी भी अधूरी है।

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आरक्षक की पत्नी को भी मिली मदद
अंबिकापुर निवासी अर्चना दीक्षित के दो पुत्रों को स्कूल में पुन: दाखिल कराने में मिली मदद। अर्चना दीक्षित ने बताया कि उसका पति पुलिस में आरक्षक है और वह पत्नी और बच्चों को साथ में नहीं रखते हैं और नहीं भरण-पोषण की राशि देते हैं। बच्चों के साथ पिता के घर में ही रह रही है।
उन्होंने बताया कि उनका एक पुत्र हॉलीक्रॉस स्कूल में तथा दूसरा पुत्र कार्मेल स्कूल में पढ़ाई कर रहा था। फीस नहीं भर पाने के कारण दोनों स्कूलों से दोनों पुत्रों को निकाल दिया गया है। कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित करते हुए दोनों बच्चों को तत्काल भर्ती कराने के निर्देश दिए हैं।

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