scriptसर्पदंश पीडि़ता को खाट पर ढोकर ले गए परिजन, इलाज में देरी से मौत | The family took the snakebite victim on the cot, died due to delay in | Patrika News

सर्पदंश पीडि़ता को खाट पर ढोकर ले गए परिजन, इलाज में देरी से मौत

locationअंबिकापुरPublished: May 19, 2022 08:05:51 pm

राजपुर थाना क्षेत्र के ग्राम जावाखोर में रिश्तेदार के घर गई पंडो जनजाति की किशोरी को जमीन में सोने के दौरान सांप ने डस लिया। इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उसकी मौत हो गई।

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अंबिकापुर. राजपुर थाना क्षेत्र के ग्राम जावाखोर में रिश्तेदार के घर गई पंडो जनजाति की किशोरी को जमीन में सोने के दौरान सांप ने डस लिया। इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उसकी मौत हो गई। इधर परिजन का कहना है कि गांव तक सड़क नहीं होने के कारण पीडि़त किशोरी को अस्पताल पहुंचाने में लगभग एक घंटे का विलंब हो गया। परिजन को किशोरी को लगभग दो किमी पैदल खाट ढोकर मेन सड़क तक पहुंचना पड़ा। इसके बाद उसे इलाज के लिए एंबुलेंस से राजपुर अस्पताल ले जाया गया। यहां चिकित्सकों ने उसकी गंभीर स्थिति देखते हुए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया। यहां चिकित्सकों ने उसे जांच के दौरान मृत घोषित कर दिया।

जानकारी के अनुसार फुलकुंवर पिता भोला पहाड़ी कोरवा उम्र १६ वर्ष लुण्ड्रा थाना क्षेत्र के ग्राम गढ़पहाड़ का रहने वाली थी। वह पिछले १ महीने से अपने जीजा के घर राजपुर थाना क्षेत्र के ग्राम जावाखोर में रह रही थी। बुधवार की रात वह कमरे में जमीन में बिस्तर लगाकर सोई थी।
गुरुवार की अल सुबह करीब ३.३० बजे उसे सांप ने डस लिया। किशोरी ने घटना की जानकारी परिजन को दी। गांव तक सड़क नहीं होने के कारण परिजन को उसे तत्काल इलाज हेतु अस्पताल ले जाने के लिए बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ा। परिजन किशोरी को खाट में ढोकर दो किमी पैदल चल कर मेन रोड तक पहुंचे और इसके बाद एंबुलेंस से उसे इलाज के लिए राजपुर अस्पताल ले गए। तब तक एक घंटे से ज्यादा समय बीत चुका था। यहां चिकित्सकों ने किशोरी की गंभीर स्थिति देखते हुए उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया। यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

परिजन ने सांप को बनाया बंधक
सांप किशोरी को डंसने के बाद कमरे में ही एक बिल में घुस गया था। इधर किशोरी को कुछ काटे जाने का एहसास होने पर उसने परिजन को बताया। परिजन ने कमरे में चारों तरफ देखा तो कहीं कुछ दिखाई नहीं दिया। एक कोने में बिल होने पर उसे खोदा तो उसमें सांप था। परिजन ने सांप को टोकरी के नीचे ढक कर रखा था।

समय पर अस्पताल पहुंचते तो बच सकती थी जान
किशोरी की मौत की घटना से परिजन सदमे में है। परिजन का कहना है कि गांव पहुंचविहीन होने के कारण किसी भी वाहन का आना जाना नहीं हो पाता है। अगर गांव तक रास्ता होता तो अस्पताल पहुंचने में बिलंब नहीं होता। समय पर अस्पताल पहुंच जाने से किशोरी की जान बच सकती थी। गांव तक सड़क नहीं होने से किसी के बीमार होने पर इसी तरह की आपात स्थिति का सामना परिजनों को करना पड़ता है।
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