आरआरवीयूएनएल के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर आरके शर्मा ने बताया कि राजस्थान राज्य में उपस्थित लगभग 4340 मेगावाट के ताप विद्युत संयंत्रों में अब कुछ ही दिनों का ही कोयला शेष बचा है। अगर कोल आपूर्ति समय पर नहीं हुई तो ब्लैकआउट की स्थिति भी निर्मित हो सकती है।
आरआरवीयूएनएल के तीनों खदान परसा ईस्ट केते बासेन (पीईकेबी), परसा और केते एक्सटेशन में से फिलहाल पीईकेबी में ही कोयला उत्पादन जारी है, वहीं अन्य दो की प्रक्रियाओं में अभी कई अड़चनों के कारण खनन शुरू नहीं हो पा रहा है। सीएमडी शर्मा ने पत्रकारों से कहा कि कुछ लोगों द्वारा इसके विरोध की वजह से हमारे परसा ईस्ट के द्वितीय चरण और परसा कोल ब्लॉक के लिए मिली सभी कानूनी अनुमतियां के बाद भी खनन शुरू नहीं हो पा रहा है।
इसलिए उन लोगों को उचित माध्यमों से वार्तालाप करके समझाना चाहिए। पीईकेबी खदान के द्वितीय चरण के खनन की अनुमति मार्च 25 को प्रदान की गई है और अगर राजस्थान के 4340 मेगावाट के यूनिटों के लिए जून के प्रथम सप्ताह तक कोयला नहीं मिल पाया तो राजस्थान में अंधकार की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। अत: इसे जल्द ही शुरू कराने हेतु कलक्टर से अनुरोध किया है।
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100 बिस्तर का खुलेगा अस्पतालशर्मा ने बताया कि लोगों को समझना चाहिए कि इससे आदिवासियों का भी फायदा है। अभी हम 100 बिस्तरों का एक अस्पताल खोलने जा रहे हैं। इससे सभी को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त होगी। वहीं वर्तमान में चल रहे विद्या मंदिर को कक्षा 12 तक की सुविधा मिलने जा रही है।
साथ ही कई तरह के विकास कार्यों से सभी को बहुत फायदा मिलता रहेगा। इस सबसे वहां के निवासी काफी खुश हैं। मुलाकात के पश्चात कलक्टर संजीव झा ने मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए इसका समाधान जल्द से जल्द कर लेने का आश्वासन दिया।