scriptरात के अंधेरे में हर दिन हो रहा है ये काला कारोबार, इधर ऑफिसरों ने ओढ़ रखी है खामोशी की चादर | This black business is going on everyday in the darkness of the night | Patrika News

रात के अंधेरे में हर दिन हो रहा है ये काला कारोबार, इधर ऑफिसरों ने ओढ़ रखी है खामोशी की चादर

locationअंबिकापुरPublished: Mar 12, 2018 04:19:11 pm

जिम्मेदार विभाग को कार्रवाई के लिए है शिकायत का इंतजार, जबकि जिले में हर रात हो रही तस्करी

Brick kiln

Brick kiln

अंबिकापुर. सरगुजा जिले में दर्जनों ईंट-भट्ठे ऐसे हैं जो अवैध कोयले से सुलग रहे हैं। कोयला तस्कर अवैध तरीके से ईंट भट्ठों में रातों-रात कोयला की तस्करी कर रहे है। बदले में उन्हें मोटी रकम ईंट-भट्ठों के संचालकों से मिलती है। कोयले का ईंट भट्ठों में अवैध तरीके से पहुंचे का काला कारोबार इन दिनों तेजी से फल-फूल रहा है।
इन ईंट-भट्ठों से न केवल अवैध कोयला कारोबारियों को प्रोत्साहन मिलता है बल्कि क्षेत्र के खेतिहर भृमि को नुकसान और इससे निकलने वाले जहरीले धुएं से पर्यावरण को भी हानि हो रही है। बावजूद इसके खनिज विभाग कार्रवाई की जगह मौन साधे हुआ है। विभाग के जिम्मेदार अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी शिकायत का इंतजार कर रहे हैं।

खनिज विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जिले में कुल 61 चिमनी ईंट भट्ठों को सरकार द्वारा स्वीकृति मिली है। वहीं इसके आलावा गमला ईंट भ_े भी प्रतिबंध के बावजूद दर्जनों की संख्या में जिले में अवैध तरीके से संचालित हो रहे हंै। ये ईंट भ_े भी अवैध लकड़ी और अवैध कोयले से जल रहे हंै।
कुम्हारों और खेतिहर किसानों को मिली छूट का फायदा अवैध ईंट भ_े के संचालक और अवैध कोयला की तस्करी करने वाले तस्कर उठा रहे हंै। कोयला और ईंट भ_ें के काले कारोबार को देखते हुए खनिज विभाग के ऊपर सवालिया निशान उठ रहे हंै।

ईंट भ_ों की नहीं होती जांच
खुलेआम ईंट भट्ठों में कोयले की तस्करी को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ईंट भट्ठों की जांच नहीं करते। इस वजह से यह काला कारोबार फल-फुल रहा है। वहीं ईंट भट्ठों की जांच के लिए जिम्मेदार अधिकारी शिकायत का इंतजार कर रहे है। जहां माइनिंग इस्पेक्टर विवेक साहू को अंबिकापुर, उदयपुर , लखनपुर, लुन्ड्रा ब्लॉक की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं माइनिंग इस्पेक्टर पदमिनी जांगड़े को बतौली, मैनपाठ, सीतापुर तहसील की जिम्मेदारी दी है।

कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति
खनिज विभाग द्वारा बीते 1 साल में अवैध उत्खनन, अवैध परिवहन व अवैध ईंट भ_ों के खिलाफ नाम मात्र की कार्रवाई की गई है। खनिज विभाग द्वारा दिया गया आंकड़ा बताता है कि विभाग शासन को साल भर में करोड़ों का चूना लगाने वालों के खिलाफ कितना निष्क्रिय साबित हो रहा है। वहीं दूसरे शब्दों में कहें तो खनिज विभाग ने तस्करों को काफी खुली छूट दे रखी है।
खनिज विभाग ने साल भर में अवैध उत्खनन के मात्र 5 प्रकरण दर्ज किये हैं। 3 प्रकरण में खनिज विभाग ने 60 हजार 557 रुपए की वसूली की है। वहीं अवैध उत्खनन के 2 प्रकरण अभी भी लंबित है। अवैध परिवहन के 92 प्रकरण और अवैध ईंट भ_े के मात्र 3 प्रकरण खनिज विभाग ने दर्ज किए हैं।

पुलिस सक्रिय व खनिज विभाग निष्क्रिय
ईंट भट्ठों में अवैध तरीके से कोयले की तस्करी का मामला लगातार सामने आ रहा है। हाल ही की बात करें ईंट भट्ठों में कोयले तस्करी की तो गांधीनगर पुलिस ने 2 ट्रैक्टर अवैध तरीके से ईंट भट्ठों में कोयला का परिवहन करते पकड़ा था। लेकिन पुलिस ट्रैक्टर चालक को ही पकड़ा सकी। वहीं खनिज विभाग जानकारी के बावजूद कार्रवाई करने बचते नजर आ रहा है।

शिकायत आएगी तो कराएंगे जांच
हमारे पास ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है। यदि आई तो बिलकुल जांच करवाएंगे। वैसे ईंट भ_ों में हमारे इंस्पेक्टर समय-समय पर जांच करते हंै।
एनएल सोनकर, डिप्टी डायरेक्टर, माइनिंग

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