खनिज विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जिले में कुल 61 चिमनी ईंट भट्ठों को सरकार द्वारा स्वीकृति मिली है। वहीं इसके आलावा गमला ईंट भ_े भी प्रतिबंध के बावजूद दर्जनों की संख्या में जिले में अवैध तरीके से संचालित हो रहे हंै। ये ईंट भ_े भी अवैध लकड़ी और अवैध कोयले से जल रहे हंै।
ईंट भ_ों की नहीं होती जांच
खुलेआम ईंट भट्ठों में कोयले की तस्करी को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ईंट भट्ठों की जांच नहीं करते। इस वजह से यह काला कारोबार फल-फुल रहा है। वहीं ईंट भट्ठों की जांच के लिए जिम्मेदार अधिकारी शिकायत का इंतजार कर रहे है। जहां माइनिंग इस्पेक्टर विवेक साहू को अंबिकापुर, उदयपुर , लखनपुर, लुन्ड्रा ब्लॉक की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं माइनिंग इस्पेक्टर पदमिनी जांगड़े को बतौली, मैनपाठ, सीतापुर तहसील की जिम्मेदारी दी है।
कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति
खनिज विभाग द्वारा बीते 1 साल में अवैध उत्खनन, अवैध परिवहन व अवैध ईंट भ_ों के खिलाफ नाम मात्र की कार्रवाई की गई है। खनिज विभाग द्वारा दिया गया आंकड़ा बताता है कि विभाग शासन को साल भर में करोड़ों का चूना लगाने वालों के खिलाफ कितना निष्क्रिय साबित हो रहा है। वहीं दूसरे शब्दों में कहें तो खनिज विभाग ने तस्करों को काफी खुली छूट दे रखी है।
पुलिस सक्रिय व खनिज विभाग निष्क्रिय
ईंट भट्ठों में अवैध तरीके से कोयले की तस्करी का मामला लगातार सामने आ रहा है। हाल ही की बात करें ईंट भट्ठों में कोयले तस्करी की तो गांधीनगर पुलिस ने 2 ट्रैक्टर अवैध तरीके से ईंट भट्ठों में कोयला का परिवहन करते पकड़ा था। लेकिन पुलिस ट्रैक्टर चालक को ही पकड़ा सकी। वहीं खनिज विभाग जानकारी के बावजूद कार्रवाई करने बचते नजर आ रहा है।
शिकायत आएगी तो कराएंगे जांच
हमारे पास ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है। यदि आई तो बिलकुल जांच करवाएंगे। वैसे ईंट भ_ों में हमारे इंस्पेक्टर समय-समय पर जांच करते हंै।
एनएल सोनकर, डिप्टी डायरेक्टर, माइनिंग