भाजपा नेताओं ने कैंप में उपस्थित स्थानीय तिब्बत्तियों से भेंटवार्ता कर 6 जून को घटित घटना के संदर्भ में विस्तार से पूछताछ की। इस दौरान केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त तिब्बती सेटलमेंट की प्रमुख मैडम डारदून व अध्यक्ष संगेय तेनजिंग से चर्चा कर घटना की जानकारी प्राप्त की।
उनके द्वारा बताया गया कि वर्ष 1962 में तत्कालीन सरकार द्वारा हमें यहां स्थापित किया गया था तब से लेकर आज तक कभी इस प्रकार की घटना या धमकी का हमें सामना नहीं करना पड़ा। पहली बार इस प्रकार की धमकी भरा खत रोहिंग्या मुसलमानों के नाम पर हमें प्राप्त हुआ है जिससे मैनपाट कैंप में रहने वाले समस्त तिबत्तियों के बीच भय व दहशत का वातावरण बना हुआ है।
अनुराग सिंहदेव ने कहा कि मैनपाट तिब्बती कैंप मैं तिब्बती शरणार्थियों को दी गई अंजाम भुगतने की धमकी पर शासन प्रशासन की असंवेदनशीलता बेहद चिंताजनक है। इस अवसर पर संजय गुप्ता, राजेश सिंह, मनोज कंसारी, नीरज वर्मा, श्रीराम यादव, जमुना यादव, अंकित जायसवाल, उपेंद्र यादव, शंकर यादव, कमलेश यादव, जलेश्वर, मनी यादव, रमेश यादव सहित अन्य भाजपा कार्यकर्ता व तिब्बती शरणार्थी उपस्थित रहे।
‘निर्भीक होकर कैम्प में रहें’
तिब्बती शरणार्थियों ने बताया कि इससे पूर्व सन 2012 में बैंगलोर के तिब्बती कैंप में भी रोहिंग्या मुसलमानों के नाम पर मुसलमानों द्वारा हमला किया गया व तिब्बती नागरिकों से मारपीट की गई थी । चर्चा के दौरान भाजपा प्रवक्ता अनुराग सिंह देव ने उपस्थित तिब्बती शरणार्थियों को कार्यवाही का भरोसा दिलाते हुए निर्भीक होकर रहने की बात कही।