रायपुर सिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के संचालक डॉ. तरुण मिश्रा मंगलवार को अंबिकापुर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि भारत में हर 5वां व्यक्ति मधुमेह से पीडि़त है। मोटापा कम होने के बाद भी भारत में लोग डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण मानसिक तनाव, वसा युक्त भोजन और शारीरिक परिश्रम की कमी सामने देखने को मिल रही है। शारीरिक परिश्रम की कमी ही छोटे बच्चों को डायबिटीज की ओर अग्रसर कर रही है।
बच्चों के लिए आउटडोर गेम जरूरी
डॉ. मिश्रा ने कहा कि बच्चों को इनडोर नहीं बल्कि आउटडोर गेम खेलना बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में भारत देश की तुलना में सबसे ज्यादा थायराइड के मरीज सामने आना भी चिंता का कारण है।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा
थायराइड पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक है। सही मार्गदर्शन और एक छोटी सी जागरूकता से हम बड़े डैमेज से बच सकते हैं। थायराइड और डायबिटीज ना हो या अगर हो चुका हो तो उसे किस तरह से कंट्रोल में किया जा सकता है इसके लिए जागरूकता सबसे बड़ी चीज है। पहले से ही अगर हम जागरूक हो तो हम इन बीमारियों से बच सकते हैं।
बच्चों को होना चाहिए रुटीन चेकअप
डॉ. मिश्रा ने कहा कि पहले स्कूलों में मेडिकल कैंप (Medical Camp) लगा करते थे, परंतु वर्तमान में लगभग कैंप बंद हो चुके हैं। स्कूलों में मेडिकल कैंप लगाकर बच्चों की रूटीन चेकअप होना चाहिए। उनका कहना है कि बीमारी को उस वक्त पकड़ा जाए जब बच्चों में जागरूकता नहीं होती।
अमेरिका में हो चुके हैं पुरस्कृत
अंबिकापुर के दत्ता कॉलोनी निवासी डॉ. तरुण मिश्रा मल्टीपरपज स्कूल के छात्र भी रहे। यहां के बाद उन्होंने ऐसे समय में एम डी, डीएम, डीएनबी एंडोक्राइनोलॉजी की पढ़ाई की थी जब संसाधन काफी कम थे। आज छत्तीसगढ़ के सबसे टॉप एंडोक्राइनोलॉजिस्ट के रूप में उनका नाम आता है।