जीएसटी लागू करने से पहले सभी राज्यों से सहमति ली गई है। राज्यों ने जीएसटी के बारे में जनता को बताया, जिससे अब कर चुकाने में लोगों को सरलता हो रही है।
जीएसटी के लागू होने से कर चुकाने वाले व्यक्ति, व्यापारी को अब कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़ रहा है।
जीएसटी के लागू होने से कर चुकाने वाले व्यक्ति, व्यापारी को अब कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़ रहा है।
वर्तमान परिस्थिति में जीएसटी एवं जनता के अनुकूल है। जीएसटी के सरलता और सहजता का ही परिणाम है कि लोग अब स्वयं अपने दस्तावेज के साथ कार्यालय पहुंच कर जीएसटी के फार्म भरते हैं। लोग अब बैंक खाते भी लगातार अद्यतन करते जा रहे हैं। जुलाई, अगस्त में फाइन लगाया गया था लेकिन अब समाप्त कर दिया गया है। जिनके दस्तावेज पूरे नहीं है, उन्हें फाइन देना होगा।
उन्होंने कहा कि नकद लेन-देन में सरकार को बहुत ज्यादा फार्मेल्टी करनी होती है। नकद लेन-देन के लिए सरकार पर ज्यादा खर्च आता है। वर्तमान में आर्थिक क्रांति का दौर शुरू हो चुका है। आधुनिक तकनीक का प्रयोग करना होगा। डिजीटलाइजेशन शत प्रतिशत सफल है।
उन्होंने कहा कि नकद लेन-देन में सरकार को बहुत ज्यादा फार्मेल्टी करनी होती है। नकद लेन-देन के लिए सरकार पर ज्यादा खर्च आता है। वर्तमान में आर्थिक क्रांति का दौर शुरू हो चुका है। आधुनिक तकनीक का प्रयोग करना होगा। डिजीटलाइजेशन शत प्रतिशत सफल है।
लोगों को लेन-देन के माध्यम करेंसी की अपेक्षा डिजीटलाइलेशन को स्वीकारना होगा। सोशल साइटों और सरकार के तंत्र की सराहना करना होगा, जिसके माध्यम से लोगों में कैशलेश के प्रति जागरूकता बढ़ी है। सभी लोग तो डिजीटल नहीं हुए हैं लेकिन कार्यालयों, दुकानों के लेन-देने के तरीके, व्यवहार में परिवर्तन आया है। लोग डिजीटल लेन-देन को स्वीकार कर रहे हं। एकाउंट के जरिये लेन-देन से कर चुकाने के दौरान आसानी रहती है। व्यापारी का खाता-बही भी अद्यतन रहता है। अभिषेक शर्मा ने सरगुजा के लोगों को आह्वान करते हुए कहा कि अच्छी स्थितियों का सामना करना है तो डिजीटलाइजेशन को स्वीकारना होगा।