निर्देश के बावजूद कुछ दुकानें खोली गई थी। इन दुकान संचालकों पर निगर निगम द्वारा कार्रवाई कर बंद कराया गया। कोरोना की चेन तोडऩे के लिए इस बार किराना एवं सब्जी बाजार को भी बंद रखा गया है।
दो दिन संपूर्ण लॉकडाउन
(Total lockdown) का निर्णय जिला प्रशासन, निगम शहर के जनप्रतिनिधियों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों तथा गणमान्य नागरिकों द्वारा कोविड 19 के संभावित संक्रमण को रोकने हेतु लिया गया है।
अंबिकापुर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन, नगर निगम, शहर के जनप्रतिनिधियों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों तथा गणमान्य नागरिकों द्वारा सप्ताह में दो दिन मंगलवार व बुधवार को संपूर्ण लॉकडाउन
(Total lockdown) का निणर्यय लिया गया है।
नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले प्रतिष्ठानों को छोडक़र सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। जिला प्रशासन के आदेश के अनुसार मंगलवार को आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले प्रतिष्ठानों को छोडक़र सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए किराना दुकान व सब्जी मंडी को भी बंद रखा गया।
शहर की सभी किराना दुकान व सब्जी मंडी पूर्ण रूप से बंद रही। वहीं जिला प्रशासन व निगम के निर्देश के बावजूद भी शहर के कुछ किराना दुकान संचालक दुकानें खोल कर सामान बेच रहे थे।
सूचना पर निगम अमला द्वारा खुले दुकान संचालकों के खिलाफ कार्रवाई कर प्रतिष्ठान बंद कराए गए। इसमें शहर के कुछ बड़े किराना दुकान संचालक भी थे। जिनसे निगम द्वारा जुर्माना भी वसूला गया है।
95 प्रतिशत लॉकडाउन रहा सफल
निगम आयुक्त हरेश मंडावी ने बताया कि लॉकडाउन का पहले दिन 95 प्रतिशत सफल रहा। आवश्यक सेवाओं की दुकानों को छोडक़र लगभग सभी दुकानें बंद रहीं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार किराना दुकान व सब्जी मंडी को भी बंद रखा गया था। सब्जी मंडी पूर्ण रूप से बंद रही।
कलाकेन्द्र मैदान में सब्जी की एक भी दुकानें नहीं लगी। वहीं शहर के कुछ किराना दुकान खोले गए थे। जो निगम द्वारा बंद कराया गया और दुकान संचालकों से जुर्माना भी वसूला गया है।
चौक-चौराहों पर नहीं दिखी पुलिस
मंगलावार को लॉकडाउन के पहले दिन शहर के एक-दो चौक चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस को छोडक़र किसी भी चौक पर पुलिस की तैनाती नहीं की गई थी। इस दौरान दुकानें लगभग बंद रही पर कुछ लोग अनावश्यक बाइक व कार से शहर में घूमते दिखे। उनके समझाने व रोकने वाला कोई नहीं था। इस कारण ऐसे लोग स्वतंत्र रूप से घूमते रहे।