३ जनवरी 2020 को धारा 52 के तहत तत्कालीन कुलपति प्रो. रोहिणी प्रसाद हटाए गए थे। इसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस याचिका में उन्होंने उनके विरुद्ध की गई कार्यवाही को चुनौती देते हुए विधि विरुद्ध बताया था। उनकी याचिका पर बीते 4 मई को हाईकोर्ट ने आदेश सुरक्षित कर लिया था, जिसे 13 जून को हाईकोर्ट ने सार्वजनिक किया और डॉ रोहणी प्रसाद को राहत देते हुए उनके विरूद्ध की गई कार्यवाही को ग़लत माना।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद हटाए गए संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति प्रो. रोहिणी प्रसाद ने संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय में मंगलवार को फिर पद्भार ग्रहण कर लिया है। इसके बाद से विश्वविद्यालय का विवाद शुरू हो गया है। जिस समय कुलपति प्रो. रोहणी प्रसाद ज्वाइनिंग करने पहुंचे कुलपति का कक्ष में ताला बंद था और वर्तमान कुलपति प्रो. अशोक सिंह अनुपस्थित थे।
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प्रो. रोहणी प्रसाद को पता चला की कुलपति अशोक सिंह अपने निवास पर हैं, लेकिन फिर सूचना दी गई कि वे निवास पर नहीं है। प्रो. अशोक सिंह का मोबाइल स्वीच ऑफ़ है। कुलपति के कक्ष की चाबी भी अशोक सिंह के ही पास ही बताई जा रही है। तीसरे दिन बुधवार को भी कुलपति का कक्ष बंद रहा। इस स्थिति में कुलपति प्रो. रोहणी प्रसाद ने आगंतुक कक्ष में बैठकर अपनी उपस्थिति दर्ज की।
कुल सचिव बीमार, आने का इंतजार
कुलपति प्रो. रोहिणी प्रसाद ने बताया कि कुल सचिव विनोद एक्का का स्वास्थ्य खराब है इस कारण वे अवकाश पर हैं। इस कारण परेशानी और बढ़ी है। कुल सचिव के आने के बाद ही अगला स्टेप लिया जाएगा।