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इस गांव के लोगों ने ऑफिसरों को दिखाया आइना, चक्कर लगाकर थक गए तो खुद ही बना ली 1 किमी लंबी सड़क

locationअंबिकापुरPublished: May 16, 2019 04:39:21 pm

अब बारिश में भी बच्चे जा सकेंगे स्कूल और गांव तक आएगी एंबुलेंस, अधिकारियों के चक्कर काटकर थक चुके थे ग्रामीण

Road

Road made by villagers

लखनपुर. सरगुजा जिले के लखनपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पटकुरा के ग्रामीण सड़क के लिए गांव के लोग कई दिनों से अलग-अलग विभागों के कार्यालय का चक्कर काट रहे थे लेकिन उनकी परेशानी को देखने के बाद भी किसी भी अधिकारी ने महत्व नहीं दिया।
इसके बाद ग्रामीणों ने खुद कमान संभाली और ग्राम पंचायत पटकुरा में श्रमदान कर 1 किमी लंबी मिट्टी व मुरूम की सड़क बना डाली। ग्रामीणों का यह काम अधिकारियों को आइना दिखाने वाला है। सड़क बनने से अब गांव के बच्चे आसानी से स्कूल जा सकेंगे।

बारिश हो या फिर कोई भी मौसम, ग्राम पंचायत पटकुरा के लोगों को बिना सड़क के काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। बारिश के समय पूरी तरह से आवागमन बाधित हो जाता था और स्कूल जाने वाले बच्चों को स्कूल पहुंचने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
सड़क की मांग को लेकर गांव के लोग पंचायत स्तर से जिला पंचायत तक के कार्यालय की दौड़ लगा चुके थे। इसके बावजूद उनकी कोई सुनने वाला कोई नहीं था।

इसकी वजह से उक्त पंचायत के हीरालाल यादव, राकेश यादव, कामेश्वर यादव, गोविंद यादव, दिलीप मझवार, लड्डू राम, राजनाथ, संजय, रामाधार, शंकरलाल, राजेंद्र प्रसाद, आदर्शा रजवाड़े, उमाशंकर यादव, मुकेश बुधराम ने पूर्व सरपंच और जनपद में भी सड़क निर्माण कराने के लिए मांग की गई,
लेकिन उनकी मांग पूरा नहीं होने पर गांव के लोगों ने आपसी सहमती पर निर्णय लेकर लगभग 1 किलोमीटर की कच्ची सड़क का निर्माण कर डाला। श्रमदान कर मुरूम व गिट्टी से सड़क को मूर्त रूप देने में सफल रहे।

बारिश में नहीं होगी परेशानी
सड़क नहीं होने से बारिश के दिनों में गांव वालों के साथ बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। बारिश के दिनों में गांव का सम्पर्क जनपल मुख्यालय से टूट जाने के साथ ही अन्य तरफ से भी टूट जाता था। इससे उन्हें छोटी-छोटी समस्याओं के लिए काफी दूर तक का सफर पूरा करना पड़ता था। गांव के बच्चे बारिश भर स्कूल जाने से कतराते थे। सड़क बन जाने से बच्चे स्कूल जा सकेंगे।

मरीजों को होती है सबसे अधिक परेशानी
गांव में अगर कोई बीमार हो जाए तो सबसे अधिक परेशानी मरीज के घर वालों को होता था। संजीवनी एक्सप्रेस को भी पहुंंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। इसकी वजह से कई बार मरीज के परिवार वालों को काफी परेशानियां होती थीं। अब सड़क बन जाने से एम्बुलेंस गांव से अस्पताल तक पहुंच सकेगी।
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