जिला पंचायत सभाकक्ष में कुल 14 प्रकरणों की सुनवाई की गई जिसमें कुल 3 मामलों में एफआईआर जिसमें एक मामला दहेज प्रताडऩा से संबंधित था जिसमें अनावेदकों को 498ए के तहत पुलिस के सुपुर्द किया गया। एक मामला धोखाधड़ी से संबंधित था जिसमें एक छात्रा को बीएएमएस (नीट) मेडिकल कॉलेज (Medical college) में प्रवेश दिलाने के नाम पर 2 लोगों ने 1 लाख 75 हजार रुपए की ठगी की।
मामले में त्वरित कार्यवाही करते हुए धोखाधड़ी के दोनों आरोपियों के ऊपर मामला दर्ज करने के निर्देश दिए गए तथा उन्हें पुलिस कस्टडी (Police custody) में सौंपा गया। एक मामले में कलक्टर जशपुर को पत्र भेजा जाकर ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के खिलाफ छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के तहत सुनवाई कर निलंबित करने का आदेश पारित किया गया है।
एक मामले में आवेदिका ने आवेदन वापस लिया। एक प्रकरण को पुन: सुनवाई के लिए सूरजपुर तथा एक प्रकरण को रायपुर स्थानांतरित किया गया। 3 मामले को नस्तबद्ध किया गया। कुछ प्रकरणों में आवेदक उपस्थित नहीं होने के कारण पुन: सुनवाई के लिए रखा गया। 4 महिलाओं ने महिला आयोग के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज कराई।
डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि महिलाएं किसी भी तरह की मानसिक प्रताडऩा, शारीरिक शोषण, घरेलू हिंसा तथा अन्य किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर नि:संकोच निडर होकर शिकायत कर सकती हैं। महिलाएं अपने मामलों की शिकायत सादे आवेदन पत्र में राज्य महिला आयोग (Chhattisgarh woman commission) रायपुर को भेज सकती हैं।
इस नंबर पर महिलाएं दर्ज करा सकती हैं शिकायत
इसके साथ ही आयोग की वेबसाईट सीजीमहिलाआयोग.कॉम में आनलाईन तथा टोल फ्री नम्बर 18002334299 में नि:शुल्क दर्ज करा सकते हैं। मामलों में नि:शुल्क कार्यवाही की जाती है। सुनवाई के दौरान डॉ. किरणमयी नायक के साथ महिला कांग्रेस अध्यक्ष, अधिवक्ता, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु सिंह, उपाध्यक्ष राकेश गुप्ता, महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित थे।
माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के खिलाफ महिलाओं ने की शिकायत
माइक्रोफाइनेंस कम्पनी से लोन पीडि़त लगभग 50 से अधिक की संख्या में महिलाओं ने अध्यक्ष से शिकायत की जिसमें एजेण्टों के माध्यम से अलग-अलग गावों में जाकर गलत समझाइश देकर छलपूर्वक एक ही समय में 3-4 बैंकों से लोन फाईनेंस कराया गया।
फाइनेंस होने के पश्चात तथा कथित बिचौलिए ने इन महिलाओं को 3-4 हजार देकर समस्त राशि निकलवा ली और उन्हें स्वयं किश्त पटाने का भरोसा दिया। बैंक अधिकारी लोन वापसी के लिए सभी महिलाओं को परेशान कर रहे हैं तथा दबाव पूर्वक पैसा वसूलने की कार्यवाही कर रहे हैं।
इस मामले में संज्ञान लेते हुए अध्यक्ष किरणमयी नायक ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि सरगुजा क्षेत्र के पीडित किसी भी महिला समूह को माइक्रोफाइनेंस कम्पनी को कोई भी लोन की राशि वापस देने की आवश्यकता नहीं है। सम्पूर्ण मामले में कलक्टर-एसपी से बात की जाएगी और जांच कराकर संबंधितों के विरूद्ध आपराधिक कार्यवाही सम्पत्ति कुर्की के लिए निर्देश जारी किया जाएगा।