scriptइस समाज में बारातियों का किया जाता है ऐसा स्वागत कि देखकर रह जाएंगे हैरान, दूल्हे पर लगता है जुर्माना भी | You shocked to see processionist welcome, fine also on Groom | Patrika News

इस समाज में बारातियों का किया जाता है ऐसा स्वागत कि देखकर रह जाएंगे हैरान, दूल्हे पर लगता है जुर्माना भी

locationअंबिकापुरPublished: Jul 02, 2022 04:45:39 pm

Unique Tradition: जब भी इस समुदाय के लोगों में शादी (Marriage) होती है और बारात गांव में पहुंचती है तो लड़की पक्ष के लोग बारातियों का स्वागत (Welcome) करने रहते हैं आतुर, स्वागत कराकर बारातियों को भी मिलती है खुशी, गोत्र के अनुसार परंपरा (Tradition) का किया जाता है निर्वहन

Unique tradition

Processionist welcome in Manjhi Society

अंबिकापुर. Unique Tradition: देश में विभिन्न धर्म, जाति व समुदाय के लोग रहते हैं। ये खुशी के अलग-अलग मौके पर वर्षों से चली आ रही परंपरा का निर्वहन करते हैं। पूर्वजों के समय से चली आ रही परंपरा का आज भी कई समाज में पालन किया जाता है। ऐसा ही कुछ मैनपाट के मांझी समुदाय (Manjhi Society) में देखने को मिलता है। इस समुदाय में बारातियों का स्वागत कीचड़ में सराबोर कर करते हैं। इसकी तैयारी भी करीब सप्ताह भर पहले से दुल्हन पक्ष के लोग करके रखते हैं। बारात (Procession) जैसे ही दरवाजे के पास पहुंचने वाली होती है उससे पूर्व ये खुद कीचड़ में लोटकर पारंपरिक गाने की धुन पर डांस करते हैं। बारातियों को भी ये कीचड़ में लपेटकर अपने शौर्य का प्रदर्शन करते हैं। इसके अलावा इस समाज में यह भी परंपरा है कि दूल्हे को एक टास्क दिया जाता है, उसे पूरा नहीं करने पर उस पर जुर्माना (Fine on Groom) लगाया जाता है, जिसे किसी भी स्थिति में पूरा करना होता है।

जब भी दुल्हन के दरवाजे पर बारात आती है तो उसके परिजन फूल-मालाओं व अन्य तरह से उनका स्वागत करते हैं। लेकिन मैनपाट (Mainpat) का मांझी समुदाय वर्षों से अपनी अनूठी परंपरा व संस्कृति का संजोए हुए है।
जब इस समुदाय (Manjhi Society) में दरवाजे पर बारात आती है तो कीचड़ में खुद लोटकर व बारातियों को लपेटकर स्वागत किया जाता है। मांझी समाज में वैसे तो 12 गोत्र हैं लेकिन भैंसा गोत्र व तोता गोत्र में बारातियों के स्वागत की अलग ही परंपरा देखने को मिलती है।

भैंसा व तोता गोत्र में ऐसे करते हैं स्वागत
मांझी समुदाय में जब भैंसा गोत्र के लोगों की शादी होती है तो बारातियों का स्वागत कीचड़ में लपेटकर व खुद लोटकर डांस करते हुए किया जाता है। इसमें दूल्हा व दुल्हन पक्ष दोनों को खुशी मिलती है।
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IMAGE CREDIT: Processionist welcome in Manjhi Society
वहीं तोता गोत्र में अलग ही परंपरा है। इसमें जब दूल्हा दुल्हन के दरवाजे पर आता है तो एक पोल पर थोड़ी ऊंचाई में धान की बाली टांग दी जाती है और दूल्हे को मुंह से निकालने कहा जाता है, ऐसा नहीं करने पर दूल्हे पर जुर्माना लगाया जाता है। यह जुर्माना किसी भी सूरत में दूल्हे को चुकाना होता है।

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ऐसे करते हैं तैयारी
भैंसा गौत्र में दुल्हन पक्ष के लोग बारात आने से पूर्व मिट्टी खेलने की तैयारी करके रखते हैं। एक खेत में मिट्टी को कीचडय़ुक्त बनाया जाता है। बारात पहुंचने के बाद कीचड़ में एक-दूसरे को सराबोर करते हैं। इस दौरान मांझी समाज के साथ ही आसपास रहने वाले सभी लोग बारातियों के सामने मिट्टी खेलकर अपने शौर्य का प्रदर्शन करते हैं। जब कभी किसी मांझी के घर बारात पहुंचता है तो कीचड़ में खेलने के लिए हुजूम उमड़ पड़ता है।

कीचड़ नहीं लपेटने की दी जाती है समझाइश
समाज के लोगों का कहना है कि अलग-अलग गोत्र के अनुसार समाज की परम्परा है, इसका पालन किया जा रहा है। हालांकि लोगों को समझाइश दी जाती है कि अब हमारे समाज में भी बाराती अच्छे-अच्छे कपड़े पहनकर आते हैं। उन्हें मिट्टी खेलने के दौरान कीचड़ में न पटकें।
Ajab Gajab
IMAGE CREDIT: Processionist welcome in Manjhi Society
अनूठी संस्कृति की वजह से ही पहचान
मैनपाट (Mainpat) जहां अपने ठंड के लिए पूरे प्रदेश में पहचान बनाए हुए हैं, उसी तरह यहां के मांझी आदिवासी समाज भी अपनी अनूठी संस्कृति की वजह से पहचाना जाता है। समाज के लोग जहां आज भी कंदमूल खाते हैं वहीं विवाह जैसे आयोजन में कम खर्च कर ज्यादा आनंद उठाते हैं। मांझी समाज के लोग अपनी संस्कृति की वजह से प्रदेश में अलग पहचान बनाए हुए हैं।
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